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बादलों के पीछे छिपा सूरज, पहुंचा सकता है आंखों को नुकसान

इन किरणों के संपर्क में आने से और धूप में ज्यादा देर रहने से आंखों में एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।

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बादलों के पीछे छिपा सूरज, पहुंचा सकता है आंखों को नुकसान

भोपाल। बारिश की शुरुआत के बाद निकलने वाली धूप बहुत तेज होती है। जुलाई-अगस्त के महीने में इसी धूप के साथ निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से शरीर को काफी नुकसान होता है। आंख हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंगों में से एक है। इसलिए इसकी सुरक्षा के लिए हमें विशेष ध्यान देना पड़ता है।

जुलाई को यूवी सेफ्टी मंथ मनाए जाने के कारण को बताते हुए भोपाल की जानी मानी नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुषा अजवानी बताती हैं कि इस वक्त बदलते मौसम के साथ आंखों की देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस मौसम में जब आप घर से बाहर निकलते हैं तब इन हानिकारक यूवी किरणों से आंखों को बचाना बहुत जरूरी है। इन किरणों के संपर्क में आने से और धूप में ज्यादा देर रहने से आंखों में एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।

डॉ. अजवानी बताती हैं कि वैसे तो आंखों की देखभाल करना हर दिन जरूरी है, लेकिन जुलाई इसके लिए काफी खास है। जुलाई को यूवी सेफ्टी मंथ के तौर पर मनाया जाता है। सूर्य हमारे जीवन के लिए जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उसकी हानिकारक किरणों से बचने की जरूरत है। डॉ. अजवानी ने बताया कि विज़बल लाइट, इंफ्रारेड और रेडियो वेव्स की तरह ही अल्ट्रावायलेट रेज़ भी एलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन है। स्पेक्ट्रम पर, UV लाइट 4 से 400 नैनोमीटर तक वेवलेंथ के साथ वायलेट लाइट और एक्स किरणों के बीच होता है। हालांकि इन्हें आंखों से नही देखा जा सकता है, लेकिन सूर्य की किरणों के अधिक देर तक सम्पर्क में रहने से हम इससे प्रभावित हो सकते हैं। अल्ट्रावायलेट किरणों का यही रेडिएशन सनबर्न और आंखों की गंभीर बीमारियों का कारण बन जाता है।

जुलाई को यूवी सेफ्टी मंथ के तौर पर मनाए जाने को लेकर डॉ. अजवानी ने बताया कि यह समय आंखों के लिहाज से काफी संवेदनशील होता है, इसी समय सूर्य की किरणों के हानिकारक प्रभाव से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि मॉनसून में अल्ट्रा बैंगनी (यूवी) विकिरण का स्तर खतरनाक रूप ले चुका होता है। दरअसल वायुमण्डल में मौजूद एरोज़ल परत काफी नीचे होती है, इसमें भारी कण होते हैं जो सूरज से आने वाले पराबैंगनी विकिरण को फैला देते हैं और सीधे पृथ्वी पर नहीं पड़ने देते। बारिश के कारण यह परत धुल जाती है और तब सूर्य के विकिरण का सीधा प्रभाव हमारे ऊपर पड़ता है।

सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणें शरीर के तापमान में वृद्धि करती हैं, जिसकी वजह से आंखों में मेलानोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. अजवानी सलाह देती हैं कि यदि इस मौसम में आपको आंखों में लालपन या जलन हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें।