
vehicle number portability
भोपाल। किसी भी वाहन का नंबर ही उसकी पहचान होता है और यही नंबर मालिक की भी पहचान बन जाता है। जब आप नया वाहन खरीदते हैं तो इन नंबरों को अपने लकी नंबर या वीआईपी नंबर पसंद करते हैं। लेकिन, जब यही वाहन आप बेच देते हैं तो वह नंबर भी चले जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आप लकी नंबर अपने पास रख पाएंगे और नए वाहन में भी उसी नंबर को आवंटित करवा पाएंगे।
मध्यप्रदेश में भी वाहनों के 'नंबर पोर्टेबिलिटी' शुरू होने वाली है। इसके बाद जब आप अपनी बाइक बेच देंगे तो वो नंबर आप अपनी कार के लिए भी आरक्षित करवा सकते हैं। आनलाइन सेवा के जरिए वाहनों को विक्रय किए जाने वाले नंबरों को पोर्ट करने की सुविधा शुरू करने के लिए मंत्रालय स्तर पर सैद्धांतिक सहमति भी दी जा चुकी है। इसके लिए नए नियम भी जारी होंगे। इसमें शुल्क भी लिया जाएगा, जिससे राज्य सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा। परिवहन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार इन नंबरों को पोर्ट कराने का फायदा उन वाहन चालकों को होगा, जिनके पुराने वाहन में उनका कोई खास लकी नंबर होगा। वे लोग उस नंबर को अपने दूसरे या नए वाहन खरीदने में भी आवंटित करा सकेंगे। जबकि कार और बाइक के लिए अलग-अलग व्यवस्था करने पर भी विचार चल रहा है।
यह कर सकते हैं:-:
-यदि बाइक का नंबर पसंद है, तो वह उसे अपनी कार के लिए भी ले सकेगा।
-इसी तरह कार के लिए आरक्षित नंबर अब बाइक के लिए भी लिए जा सकेंगे।
-यह भी संभव है कि एक नंबर अलॉट होने पर वो उसके साथ उम्र भर रह सकता है।
-दूसरे व्यक्ति को बेचने के बाद चाहे तो वो नंबर अपने नए वाहन के लिए रख सकता है।
-इस तरह के नंबर लेने के लिए वाहन मालिक को अतिरिक्त शुल्क जमा करना होगा।
-पुराने वाहन के नंबर को प्रयोग न करने की एनओसी भी होना जरूरी होगा।
-बिना नंबर बदले पुश्तैनी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी पर पंजीकृत करा सकेगा।
परिवहन विभाग के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक परिवहन विभाग वाहनों के नंबर पोर्ट करने की सुविधा शुरू करने पर विचार कर रहा है। मामला उच्च स्तर पर विचाराधीन है, अंतिम निर्णय होने के बाद इसे पूरे मध्यप्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
Published on:
21 Aug 2020 04:59 pm
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