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अमरनाथ का सबसे छोटा रास्ता पर बहुत कठिन चढ़ाई, कदम-कदम पर गिरने का खतरा

फिर शुरु हो गया पंजीयन, बालटाल एवं पहलगाम मार्ग पर कोटा हो गया था खत्म

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बालटाल एवं पहलगाम मार्ग पर कोटा हो गया था खत्म

भोपाल. पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए इस बार यात्रा 62 दिन तक चलेगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा इसके लिए तिथियां घोषित कर पंजीयन का काम भी शुरु करा दिया गया था। विभिन्न बैंकों में चल रहे इस काम में तब दिक्कत आ गई थी जब 15 जुलाई तक का कोटा समाप्त हो गया था। हालांकि अब दोबारा पंजीयन प्रारंभ हो गए हैं।

अमरनाथ गुफा के लिए इस बार यात्रा 1 जुलाई से शुरु होकर 31 अगस्त तक चलेगी। इस बार यह पवित्र यात्रा पूरे 62 दिन चलेगी। 17 अप्रेल से इसके लिए पंजीयन का काम विभिन्न बैंकों में शुरु हो गया था।

भक्तों के लिए खुशी की बात यह है कि बालटाल एवं पहलगाम मार्ग से यात्रा के लिए दोबारा पंजीयन शुरु हो गए हैं। 15 जुलाई तक का कोटा समाप्त हो जाने के कारण पंजीयन रुक गया था। दोबारा काम शुरु होने से अब जो लोग वंचित रह गए थे वे भी पंजीयन करा सकेंगे।

ओम शिव शक्ति सेवा मंडल के रिंकू भटेजा ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए भक्तों में जबर्दस्त उत्साह है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा 17 अप्रेल से इसके लिए विभिन्न बैंकों में पंजीयन का काम शुरु करा दिया गया था। दोबारा पंजीयन शुरु होने से भक्तों में खुशी है।

गौरतलब है कि अमरनाथ गुफा के लिए दो रास्ते हैं, एक अनंतनाग के पहलगाम और दूसरा गांदरबल के बालटाल से। इस यात्रा के लिए पहलगाम बेस केंप रहता है जहां से अमरनाथ गुफा 47 किमी दूर है। यहां से पैदल यात्रा करना होता है जिसमें कुल तीन चार दिन लग जाते हैं।

इधर बालटाल से गुफा केवल 14 किमी दूर है पर यह बहुत कठिन है। उतार चढाव भरा यह रास्ता है इतना दुर्गम है कि कदम कदम पर गिरने का खतरा बना रहता है। इस मार्ग से एक ही दिन में अमरनाथ के दर्शन कर लौट सकते हैं।