6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सॉल्वर की मदद से बने थे डॉक्टर, अब सात साल तक जेल में पीसेंगे चक्की

व्यापम घोटाला: 2009 में आयोजित पीएमटी परीक्षा का मामले में अदालत ने साॅल्वर की मदद से पीएमटी में चयनित होने वाले सात डॉक्टरों को 7-7 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को भी 20 साल की सजा सुनाई गई है

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Sunil Mishra

Mar 23, 2024

court.jpg

व्यापम द्वारा 2009 में आयोजित पीएमटी परीक्षा में सॉल्वर की मदद से परीक्षा उत्तीर्ण कर एमबीबीएस करने वाले आरोपी 7 डॉक्टरों को विशेष न्यायालय सीबीआई (व्यापम केस भोपाल) ने 7-7 वर्ष का सश्रम करावास और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले की शिकायत एसटीएफ से की गई थी। जांच के बाद डॉक्टर प्रशांत मेश्राम खेरलांजी बालाघाट, अजय टेगर बामोर मुरैना, अनिल चौहान ग्राम पल्या बड़वानी, हरिकिशन जाटव गंगाराम का पुरा बामोर मुरैना, शिवशंकर प्रसाद त्योंथर रीवा, अमित बड़ौले ग्राम फत्यापुर बड़वानी, सुलवंत सिंह मौर्य विवेकानंद काॅलोनी झाबुआ के खिलाफ म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। इस पर शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश सीबीआई (व्यापमं केस भोपाल) नीतिराज सिंह सिसोदिया की कोर्ट ने इन सातों को 7-7 वर्ष सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।


नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी और सहयोगी को 20-20 साल की सजा


नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी और उसका साथ देने वाली महिला को कोर्ट ने 20-20 साल की सजा और दो-दो हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। 30 अक्टूबर 2019 को पीडि़ता ने चूनाभट्टी थाने पहुंंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि करीब 11 बजे काम की तलाश में ललिता नगर गई थी, वहां मंजू आंटी मिलीं। वे पुरानी परिचित थी, उन्होंने खड़े होने का कराण पूछा तो काम की तलाश करना बताया। उन्होंने मुझे 6 बजे मिलने को कहा। शाम को ललिता नगर पहुंची तो वहां मंजू आंटी और उनके दोस्त दिलीप मिले। वहां से गाड़ी पर बैठाकर कलियासोत डैम की ओर ले गए। इस दौरान मंजू ने मेरी आंख पर कुछ लगा दिया, जिससे आंख में जलन होने लगी। मुझे गाड़ी से उतारकर खाली जगह पर ले गए, मंजू ने मेरा मुंह दबा लिया और दिलीप ने मेरे कपड़े फाड़ते हुए सीने मे दांत से काटा और गलत काम (बलात्संग) किया। इसके बाद दोनों वहां से भाग गए। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया और जांच के बाद अभियोग पत्र न्याायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय तृप्ती पाण्डेय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने दुष्कर्म करने वाले आरोपी दिलीप उर्फ जितेन्द्र और मंजू राव को पॉक्सो एक्ट में दोष सिद्ध पाते हुए दोनों को 20- 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000- 2000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।