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सावन में भूलकर भी न करें ये 10 काम, नहीं तो नाराज हो जाएंगे महादेव!

सावन माह भगवान शिव को अति प्रिय माना जाता है,इसलिए इसका महत्‍व और अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान आने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्‍व बताया जाता है। 

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Deepesh Tiwari

Jul 21, 2017

blessings of bholenath

rules of shravan month


भोपाल। सावन माह शुरु हो चुका है और यह माह भगवान शिव को अति प्रिय माना जाता है,इसलिए इसका महत्‍व और अधिक बढ़ जाता है। सावन के पूरे महीने आने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्‍व बताया जाता है।

ऐसी मान्‍यता है का सोमवार को ही देवी पार्वती ने शिव को पाने के लिए विशेष व्रत रखा था इसलिए माना जाता है कि उपासक अगर सावन मास में सोमवार को शिव का व्रत रखते हैं तो शिव प्रसन्‍न होते हैं और वां‍छित फल मिलता है।

सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहता है। इस माह में विधि-विधान से शिवजी की आराधना करने से, मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। लेकिन हिंदू रिवाजों में जहां इस महीने हर दिन नये तरीके से पूजा की जाती है वहीं इस महीने के दौरान बहुत सारी चीजें वर्जित भी होती है।




माना जाता है कि इस पवित्र माह में ऐसे कई काम है जो नहीं करने चाहिए, ऐसा करने से भगवान शिव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है। जबकि यह निषिध कार्य करने से भगवान शिव की नाराजगी सहनी पडती है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यदि आप भगवान शिव का इस सावन के पवित्र महिने आशीर्वाद चाहते हैं तो ये काम बिल्कुल न करें। ऐसा करने से आपके ऊपर शिव की कृपा बनी रहेगी। ये हैं वे काम और उनके कारण...

1. शिवलिंग पर न चढ़ाएं हल्दी
- शिवजी की पूजा करते समय ध्यान रखें कि शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। हल्दी जलाधारी पर चढ़ानी चाहिए।
हल्दी स्त्री से संबंधित वस्तु है। शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है और ये शिवजी का प्रतीक है। इस कारण शिवलिंग पर नहीं, बल्कि जलाधारी पर हल्दी चढ़ानी चाहिए। जलाधारी स्त्री तत्व से संबंधित है और ये माता पार्वती की प्रतीक है।

2. दूध के सेवन से रखें परहेज
- सावन में संभव हो तो दूध का सेवन न करें। यही बात बताने के लिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई होगी।

वैज्ञानिक मत के अनुसार इन दिनों दूध वात बढ़ाने का काम करता है। अगर दूध का सेवन करना हो तब खूब उबालकर प्रयोग में लाएं। कच्चा दूध प्रयोग में नहीं लाएं। सावन में दूध से दही बनाकर सेवन कर सकते हैं। लेकिन भाद्र मास में दही से परहेज रखना चाहिए क्योंकि भाद्र मास में दही सेहत के लिए हानिकारक होता है।

3. सावन में हरी पत्तेदार सब्जी वर्जित
- स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सावन में कुछ चीजों को खाना वर्जित बताया गया है। ऐसी चीजों में पहला नाम साग का आता है। जबकि साग को सेहत के लिए गुणकारी माना गया है।




लेकिन सावन में साग में वात बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए साग गुणकारी नहीं रह जाता है। दूसरा कारण यह भी है कि इन दिनों कीट पतंगों की संख्या बढ़ जाती है और साग के साथ घास-फूस भी उग आते हैं जो सेहत के लिए हानिकाक होते हैं।

4. बुरे विचारों से बचें
- सावन माह में किसी भी प्रकार के बुरे विचार से बचना चाहिए।

इस प्रकार के विचारों से बचना चाहिए, अन्यथा शिवजी की पूजा में मन नहीं लग पाएगा। मन बेकार की बातों में ही उलझा रहेगा। शास्त्रों में स्त्रियों के लिए गलत बातें सोचना महापाप बताया गया है।

5. इनका अपमान न करें
- सावन माह में इस बात का ध्यान रखें कि बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता, मित्र और ज्ञानी लोगों का अपमान न करें। शिवजी ऐसे लोगों से प्रसन्न नहीं होते हैं जो यहां बताए गए लोगों का अपमान करते हैं।
ये सभी लोग हर स्थिति में सम्मान के पात्र हैं, हमेशा इनका सम्मान करें।

6. बैंगन खाना भी वर्जित
- सावन में बैंगन भी ऐसी सब्जी है जिसे खाना वर्जित माना गया है।
इसका धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्ध कहा गया है। यही वजह है कि कार्तिक महीने में भी कार्तिक मास का व्रत रखने वाले व्यक्ति बैंगन नहीं खाते हैं। वैज्ञानिक कारण यह है कि सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

7. सुबह देर तक नहीं सोएं
- जल्दी जागें और स्नान आदि कार्यों के बाद शिवजी की पूजा करें। यदि देर तक सोते रहेंगे तो इससे आलस्य बढ़ेगा।




सुबह जल्दी उठने से वातावरण से स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। सुबह के समय मन शांत रहता है और इस वजह से पूजा पूरी एकाग्रता से हो पाती है। एकाग्रता से की गई पूजा बहुत जल्दी शुभ फल प्रदान करती है।

8. मांसाहार से बचें
- सावन के महीने में इंसान को मांस के सेवन से दूर रहने को कहा जाता है।
इसके पीछे बहुत सारे धार्मिक कारण हैं लेकिन इसका वैज्ञानिकों की ओर से केवल एक ही सटिक वजह बयाई गयी है और वो यह कि यह मौसम बारिश का होता है, इस दौरान वातावरण में काफी कीड़े-मकोड़े सक्रिय हो जाते हैं जो कि जानवरों के शरीर पर भी पाये जाते हैं, जिनका सेवन करना बीमारियों को दावत देना होता है।

इस कारण कहा जाता है कि सावन के दौरान इंसान को मांस-मच्छी नहीं खाना चाहिए। सावन के महीने को प्रेम और प्रजनन का महीना कहा जाता है। इस महीने में मछलियां और पशु, पक्षी सभी में गर्भाधान की संभावना होती है। किसी भी गर्भवती मादा की हत्या हिन्दू धर्म में पाप है तो वैज्ञानिकों के अनुसार प्रेग्नेंट जीव को खाने से इंसान को कुछ हार्मोंनल समस्याएं भी हो सकती हैं।

9. पति-पत्नी ध्यान रखें ये बातें
- व्यक्तियों को कहा जाता है कि वो इस दौरान ब्रहमचर्य का पालन करें और शारीरिक सुख ना भोंगे क्योंकि इस दौरान गर्भधारण की संभावना भी होती है।




इस पीरयड को बच्चे के लिए सही नहीं माना जाता हैं क्योंकि इस दौरान लड़कियां और महिलाएं काफी पूजा-पाठ और व्रत करती हैं जिसके कारण उनकी सेहत पर असर पड़ता है, वो आंतरिक रूप से मजबूत नहीं हो पाती हैं। यहीं वैज्ञानिक का मानना भी है।

ऐसे में अगर वो गर्भधारण करती हैं तो होने वाला बच्चा काफी कमजोर हो सकता है इसलिए कहा जाता है कि सावन के महीने के दौरान पति-पत्नि वैवाहिक सुख ना लें। वैसे धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि सावन में सहवास करने से लोक ही नहीं परलोक भी बिगड़ जाता है।

10. शराब से रहें दूर
- सावन के पूरे महीने में कहा जाता है कि इंसान को मदिरा पान नहीं करना चाहिए।
शराब पीने से इंसान के शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है जो बारिश के मौसम में उसके लिए उष्मा का काम करता है और उसके शरीर पर दुष्प्रभाव डालता है, गर्मी और उमस की वजह से शराब पीने वाले इंसान को पाचन, हार्ट की बीमारियों, शारीरिक दर्द, बुखार जैसी बीमारियों से जूझना पड़ सकता है यह वैज्ञानिकों का भी मत है।