पहला सिस्टम- प्रदेश में ज्यादा बारिश दिए बिना राजस्थान की सीमा पर पहुंच गया कम दबाव का जो क्षेत्र गुरुवार को ऊपरी हवा के चक्रवात में बदल गया था वह शुक्रवार को वापस अरब सागर से मिली नमी के चलते एक बार फिर कम दबाव के क्षेत्र में बदल गया। यह 5.8 किमी की ऊंचाई तक स्थित है जोकि ताकतवर है।
दूसरा सिस्टम- बंगाल की खाड़ी में 11 सितम्बर को बनने जा रहा कम दबाव का क्षेत्र ऊपरी हवा के चक्रवात के रूप आ चुका है। शनिवार 11 सितम्बर को यह कम दबाव का क्षेत्र बन जाएगा। खास बात यह है कि इसके और ताकतवर होकर अवदाब बनने की संभावना है।
पहली द्रोणिका- पूर्वोत्तर अरब सागर से गुजरात होते हुए पूर्वी राजस्थान में बने सिस्टम में से गुजरकर मप्र-छत्तीसगढ़ होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। यह अरब सागर से नमी ला रही है।
दूसरी द्रोणिका- पूर्वी राजस्थान में बने सिस्टम से टीकमगढ़, पेड्रा रोड और पारादीप से लेकर पूर्व -मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। यह बंगाल की खाड़ी से नमी खींच रही है। 15 सितम्बर तक तेज मानसूनी गतिविधियां मौसम विशेषज्ञ शैलेन्द्र नायक का कहना है कि, इन मौसमिक परिस्थितियों के कारण 15 सितम्बर तक प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है। शनिवार को पूर्वी मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी से भारी वर्षा की संभावना है। कुल मिला कर मध्य प्रदेश में 20 सितंबर तक मौसम की जोरदार गतिविधियां बनी रहेगी।बॉक्स- नया सिस्टम बन सकता है सीजन का पहला डिप्रेशन बंगाल की खाड़ी में शनिवार को बनने जा रहा कम दबावा का क्षेत्र, अबदाव के रूप में विकसित हो सकता है। यह अपने रास्ते में भारी बारिश कराता हुआ प्रदेश की ओर आएगा। अनुमान है कि अगले सप्ताह के आखिर तक यह राजस्थान में बने सिस्टम में जाकर मर्ज हो सकता है जिससे गतिविधियां ज्यादा दिनों तक चलेंगी।