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क्या है ‘पिट्टू’ खेल? एमपी में ‘पिट्टू’ को लेकर क्यों चढ़ रहा सियासी पारा ?

mp news: मध्यप्रदेश में कॉलेजों में पिट्टू खेल को लेकर जारी किए गए आदेश के बाद शुरू हुई सियासत, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने..।

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mp news pittu game

mp news: मध्यप्रदेश में बीते दिनों उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कॉलेजों के खेलों में 'पिट्टू' को भी शामिल किया गया है। इस आदेश को लेकर अब प्रदेश में सियासत गर्मा गई है और कांग्रेस व भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। एक तरफ कांग्रेस है जिसका कहना है कि सरकार पिट्टू खेल खिलाकर छात्रों को पत्थरबाज बनाना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को पिट्टू और पट्ठों में कोई अंतर समझ नहीं आता है।

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने उठाए सवाल

सरकार की ओर से कॉलेजों में पिट्टू खेल खिलाए जाने को लेकर जारी किए आदेश को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा है कि- 'सरकार को पहले पिट्टू को ओलंपिक के खेलों में रजिस्टर करवा लेना चाहिए। उसके बाद ही प्रदेश के कॉलेजों में छात्रों को यह खेल खिलाना चाहिए। सरकार छात्रों को पत्थरबाज बनाना चाहती है।'


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भाजपा का पलटवार

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता हितेष वाजपेयी ने पलटवार किया है। हितेष वाजपेयी ने कहा है कि- पिट्टू एक पुराना खेल है। कांग्रेस को पिट्टू और पट्ठों में कोई फर्क समझ में नहीं आता है। इसलिए सवाल उठा रहे हैं। पट्ठे वाले लोग पिट्टू खेल क्या जानेंगे। वहीं रतलाम में पत्थर बाजी को लेकर कहा कि कांग्रेस का हिंदू के त्योहार से कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस दफ्तर में इसीलिए गणेश प्रतिमा नहीं बैठाई गई है।


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क्या होता है पिट्टू खेल ?

बता दें कि पिट्टू एक ऐसा खेल है जिसमें छोटे-छोटे चपटे व गोलाकार पत्थरों से एक टावर बनाया जाता है और फिर इस टॉवर को कपड़े की या फिर किसी सॉफ्ट गेंद से एक टीम तोड़ती है। दूसरी टीम टॉवर टूटने के बाद टॉवर तोड़ने वाली टीम के सदस्यों को उसी गेंद से मारती है और जिस किसी को भी गेंद लगती है वो आउट हो जाता है। जिस वक्त गेंद मारी जाती है ठीक उसी वक्त में टॉवर तोड़ने वाली टीम के सदस्यों को फिर से पत्थरों के टॉवर को खड़ा करना होता है और इस बात का ध्यान रखना होता है कि उन्हें गेंद टच न हो। पिट्टू खेल को सतोदिय, लिंगोचा, सात पत्थर जैसे कई नामों से भी जाना जाता है।


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