31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

What is vastu shastra: जानिए क्या है वास्तुशास्त्र और कैसे होता है इसका आपके जीवन पर प्रभाव

What is vastu shastra: जानिए क्या है वास्तुशास्त्र और कैसे होता है इसका आपके जीवन पर प्रभाव

2 min read
Google source verification
vastu tips for home

vastu tips for home

भोपाल। हर इंसान घर बनवाने से पहले एक बार वास्तु का घ्यान जरूर रखता है। घर में घड़ी से लेकर टेबल तक रखने में लोग इस बात का विशेष ध्यान रखते है कि वास्तु के हिसाब से दिशा सही हो। घर की हर चीज, कोना दिशाओं के अनुकूल रहे ज्ससे कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते है कि आखिर वास्तु शास्त्र है क्या। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताते है कि वास्तुशास्त्र एक ऐसी विधा है जो दिशाओं के स्वभाव के अनुसार घर का नक्शा बनाने का सुझाव देती है ताकि आपके घर का हर एक कोना दिशाओं के अनुकूल बनें जिससे हर कोने में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। लेकिन जब वास्तु के अनुसार घर नहीं बनवाया जाता है तो घर का जो क्षेत्र दिशा के अनुकूल नहीं होता है वहां नकारात्मकता बढ़ती जाती है जो परिवार और घर की सुख-समृद्धि में अड़चन पैदा करने लगती है।

पांच तत्वों से बना है वास्तु

वैसे तो वास्तु का मतलब निवासस्थान होता है लेकिन ये शब्द वातावरण में जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश तत्वों से मिलकर बना है। इन पांचों शब्दों के बीच एक सामंजस्य स्थापित होता है। जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश इन पाँचों तत्वों का हमारे कार्य प्रदर्शन, स्वभाव, भाग्य एवं जीवन के अन्य पहलुओं पर पड़ता है। वास्तु शास्त्र की विद्या प्राचीनतम विद्याओं में से एक है। इसका सीधा संबंध दिशाओं और ऊर्जाओं से होता है।इसके अंतर्गत दिशाओं को आधार बनाकर आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जाओं को कुछ इस तरह सकारात्मक किया जाता है, ताकि वह मानव जीवन पर अपना प्रतिकूल प्रभाव ना डाल सकें।

पड़ता है जीवन पर प्रभाव

आपको बता दें कि वास्तु का उद्भव स्थापत्य वेद से हुआ है, जो अथर्ववेद का अंग है। ये सीधा आपके जीवन पर प्रभाव डालता है। इस सृष्टि के साथ साथ मानव शरीर भी पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना है और वास्तु शास्त्र के अनुसार यही तत्व जीवन तथा जगत को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक है। भवन निर्माण मे भूखंड और उसके आसपास के स्थानों का महत्व बहुत अहम होता है। भूखंड की शुभ-अशुभ दशा का अनुमान वास्तुविद् आसपास की चीजो को देखकर ही लगाते है। आपका घर किस दिशा में होना चाहिए, घर के मुख्य दरवाजे की दिशा क्या हो, इसकी जानकारी वास्तु शास्त्र के सिद्धांतो के अध्ययन विश्लेषण से ही मिल सकती है। हर मनुष्य की इच्छा होती है कि उसका घर सुंदर और सुखद हो, जहां सकारात्मक ऊर्जा का वास हो, जहां रहने वालों का जीवन सुखमय हो। इसके लिए आवश्यक है कि घर वास्तु सिद्धांतो के अनुरूप हो और यदि उसमे कोई वास्तु दोष हो, तो उसका वास्तु के अनुसार सुधार भी किया जा सकता है।