
फोटो एआई जनरेटेड
MP news: राजधानी सहित मध्य प्रदेश में जून से सितंबर तक सर्पदंश के मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें रात के समय सांप डस लेता है और पता ही नहीं चल पाता। सुबह तक पीड़ित की स्थिति पैरालाइसिस अटैक आने पर होने वाली स्थिति जैसी हो जाती है। विशेषज्ञों ने बताया कि कोबरा और करैत सांप के डसने से ऐसी स्थिति पैदा होती है। पैरालाइसिस समझ कर इलाज करने से मरीजों की मौत हो जाती है। लेकिन डॉक्टर्स के सूझबूझ से इलाज करने पर मरीज की जान बच जाती है।
सर्पदंश से मप्र में हर साल ढाई हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। 108 एम्बुलेस की रिपोर्ट के अनुसार जून में भोपाल में 68 लोगों को सांप डंसा है और आठ लोगोें की मौत हुई। जुलाई और अगस्त में भी 14 से 16 लोगों की मौत हुई है।
सांप के डंसने के कई मामले आते हैं, जिन्हें पता ही नहीं चला कि उन्हें कब सांप ने डंसा। जैसे उन्हें पैरालिसिस हो गया हो। पैरालाइसिस के मामले आने पर यह सोच कर भी उपचार करना चाहिए कि सांप काटने से भी मरीज की ऐसी स्थिति हुई है।
-डॉ. टीएन दुबे, वरिष्ठ न्यूलोलॉजिस्ट
Published on:
13 Sept 2025 04:05 pm
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