
petrol and diesel
भोपाल। पेट्रोल पंप पर गाड़ी में पेट्रोल या डीजल भरवाते समय अक्सर ग्राहकों का ध्यान मीटर के जीरो पर जाता है। जीरो के चक्कर में अक्सर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हो जाती है। इसलिए मीटर में जीरो देखने के अलावा पेट्रोल-डीजल भरवाते समय कई और बातों का ख्याल रखना चाहिए। इसमें प्रमुख है तेल की डेंसिटी। शहर में आयोजित एक ग्राहक जागरूकता शिविर में यह बातें ग्राहकों को बताई गई।
'नजर हटी, जेब कटी'
अक्सर पेट्रोल पंप पर कई कर्मचारी होते हैं। एक तेल भरता है और दूसरा ग्राहक का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है।ग्राहक का ध्यान भटकते ही घटतौली हो जाती है। कई बार ध्यान न देने पर हजार से ज्यादा के तेल भरवाने पर 0 के बजाय 100 से मीटर उठ जाता है।
जीरो से ज्यादा जरूरी है शुद्धता
सरकार ने पेट्रोल और डीजल की शुद्धता के मानक तय किए हुए हैं। डेंसिटी खराब तो गाड़ी भी खराब हो सकती है। पेट्रोल की डेंसिटी अगर 730 से 800 के बीच है तो वह शुद्ध माना जाएगा। वहीं, डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच होती है। अगर फ्यूल मशीन में दिख रहे आंकड़े इस रेंज से कम ज्यादा हैं तो मिलावट हो सकती है। पंप पर इसकी मैनुअली जांच करवाई जा सकती है।
कमलेंद्र शर्मा, निवासी अवधपुरी का कहना है कि पेट्रोल पंप पर हेराफेरी करना कोई नई बात नहीं है। इस तरह की चालाकियों से आम आदमी का नुकसान होता है। पंप पर निगरानी रखी जानी चाहिए और जिम्मेदार को इनकी जांच करते रहना चाहिए।
Published on:
06 Jun 2023 04:40 pm
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