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नदियों में क्यों डाले जाते हैं सिक्के? जानें क्या कहता हैं धर्म और विज्ञान

Hindu Rituals: नदी में सिक्के फेंकने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। यह परंपरा कई संस्कृतियों और धर्मों में प्रचलित है। कई बार आपने भी नर्मदा, चंबल और बेतवा में खुद सिक्के फेंके होंगे, या फिर लोगों को ऐसा करते हुए देखा होगा। इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं। क्या हैं, इसके पीछे का कारण आज हम आपको बताएगे।

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भोपाल

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Puja Roy

Feb 20, 2024

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आपने अक्सर देखा होगा कि लोग जब भी रास्ते में कोई नदी आती है लोग उसमें सिक्का डालते हैं। आपने भी कभी ऐसा जरूर किया होगा। ऐसा माना जाता है कि लोग सम्मान स्वरूप सिक्के फेंकते हैं। कई लोगों का मानना है कि ये एक परंपरा है। उनका मानना है कि नदी में सिक्के डालने से उन्हें देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। क्या आपके मन में भी ऐसा सवाल आता है कि आखिर नदियों में सिक्का डालने से क्या होता है, तो आज हम उस सवाल का जवाब देंगे और कुछ वैज्ञानिक और धार्मिक कारण बताएंगे जो आपको जानना चाहिए।

सिक्का डालने का धार्मिक कारण
हिंदू धर्म में नदियों को देवी-देवताओं का निवास माना जाता है। नदी में फेंका गया सिक्का दान का एक रूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नदी में सिक्का फेंकने से धन आता है और देवता प्रसन्न होते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि नदी में सिक्का फेंकने से भाग्य अच्छा होता है। ऐसा भी माना जाता ही कि सिक्के के साथ-साथ आपकी मनोकामनाएं भी बहती है और देवी देवता उन मनोकामनाओं को पूरी करते हैं। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि नदी में सिक्का फेंकने से मृतक की आत्मा को शांति मिलेगी और उसके बाद उसे अगला जीवन अच्छा मिलेगा।

सिक्का डालने का वैज्ञानिक कारण
जल का स्रोत नदी माना जाता है। हम सब जानते है पानी के बिना हम जीवित नहीं रह सकते।इसलिए यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि नदी का पानी हमेशा साफ़ और शुद्ध रहे। पहले के समय में तांबे के सिक्के प्रचलन में थे। तांबा के धातु को जल को शुद्ध करने के लिए और पानी साफ करने का सबसे अच्छा धातु माना जाता था। जब प्राचीन लोग नदी में तांबे के सिक्के फेंकते थे तो इससे पानी में मौजूद बुरे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते थे और पानी साफ़ और शुद्ध हो जाता था। इसी वजह से आज भी लोगों द्वारा नदी में सिक्के फेंकना एक परंपरा के रूप में देखा जाता है।