
सिर्फ महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष भी गर्भपात के लिए जिम्मेदार हैं। क्लीनिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित मैन एंड मिसकैरेज रिपोर्ट में कहा है कि वर्कप्रेशर, घरेलू कलह, खराब जीवनशैली स्पर्म (शुक्राणु) का डीएनए बदल रहा है। पुरुषों के स्पर्म को नुकसान पहुंचाने में स्ट्रेस के साथ नशा भी बड़ा कारण है। यह एक बड़ी वजह है कि महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इससे बचने के उपाय के लिए सिर्फ व्यक्ति को स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना जरूरी है।
25 फीसदी गर्भपात का यही है कारण
आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. रंधीर सिंह ने बताया कि गर्भपात के कुल मामलों में से 25 फीसदी में स्पर्म डीएनए फ्रेगमेंटेशन जिम्मेदार होता है। इसको जीवनशैली में सुधार कर ठीक भी किया जाता है।
स्पर्म में डीएनए फ्रेगमेंटेशन का असर
स्पर्म का डीएनए बार-बार बदलने का कारण स्पर्म डीएनए फ्रेगमेंटेशन कहा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति पुरुषों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बन रही है। यही नहीं हर छह महिलाओं में से एक महिला का गर्भपात पुरुषों के खराब स्पर्म के कारण हो रहा है। ऐसी महिलाओं के पुरुष साथियों की जांच में सामने आया कि उनके स्पर्म में ऐसे मॉलिक्यूल मौजूद थे, जो नुकसानदायक थे।
यह है बचाव
- ज्यादा स्ट्रेस लेने से बचें
- शरीर को जरूरी आराम दें
- जीवनशैली को सुधारें
- योग करें और पौष्टिक आहार लें
- धूम्रपान और अन्य नशों से दूर रहें
Updated on:
22 Feb 2024 09:49 am
Published on:
22 Feb 2024 09:43 am
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