
सरकारी काम-काज का ढर्रा सुधारने केन्द्र की मिशन कर्मयोगी की तर्ज पर एमपी में भी शुरू होगा काम
भोपाल। सरकारी दफ्तरों में सुशासन की सिर्फ बात न हो बल्कि यह नजर भी आना चाहिए। इसके लिए लम्बे समय कवायद चल रही है। इसी कड़ी में केन्द्र सरकार की मिशन कर्मयोगी की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी काम शुरू होगा। इसमें अफसर, कर्मचारियों को प्रशिक्षण के साथ कार्य क्षमता बढ़ाना है। यह पूरी कवायद सरकारी काम-काज का ढर्रा सुधारने को लेकर है।
हाल ही सरकारी विभागों के काम-काज की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ज्यादा संतुष्ट नजर नहीं आए। इसका प्रमुख कारण विभागों का उनकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरना रहा है। इसी दौरान सीएम ने केन्द्र की मिशन कर्मयोगी का जिक्र भी किया था। सीएम की मंशा देख अफसरों ने भी इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
ऐसी है मिशन कर्मयोगी योजना
मिशन कर्मयोगी योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की क्षमताओं को विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से कर्मचारियों के कई सारे कौशलों को विकसित किया जाएगा। इसमें क्रिएटिविटी, कल्पनाशीलता, इनोवेटिव, प्रोएक्टिव, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी, तकनीकी तौर पर दक्ष बनाना शामिल है। कर्मयोगी के माध्यम से कर्मचारियों का क्षमता निर्माण ई लर्निंग कांटेक्ट के माध्यम से किया जाएगा।
प्रदेश में अभी यह स्थिति
सरकारी काम-काज में सुशासन दिखे इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे और बेहतर काम कर सकें। आगंतुकों से बेहतर व्यवहार हो, काम-काज की समय सीमा भी तय है। यहां तक कि यह भी निर्धारित है कि किस टेबल पर अधिकतम कितने दिन फाइल रह सकती है। इसमें लापरवाही करने पर संबंधित की जिम्मेदारी तय होती है। ऑनलाइन वर्किंग पर फोकस है, मंत्रालय में फाइल ट्रेकिंग सिस्टम भी लागू है, जिससे यह पता चल सके कि फाइल किस टेबल पर है। ऐसे अनेक सिस्टम होने के बाद भी इनके क्रियान्वयन में लापरवाही होती है। इसे दुरस्त किए जाने के प्रयास हैं।
Published on:
17 Jan 2022 12:55 am
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