रेडिएशन बड़ा कारण
डॉ. सुमित राज के अनुसार ब्रेन ट्यूमर का कोई खास कारण अभी तक पता नहीं चला है। लेकिन, लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। जबकि, बच्चों में मस्तिष्क कैंसर का दूसरा सबसे आम कारण ब्रेन ट्यूमर है।सबसे ज्यादा तकलीफदेह बीमारी
ब्रेन ट्यूमर सबसे ज्यादा तकलीफ देने वाली बीमारियों में से एक है। इसमें अत्याधिक सिरदर्द होता है। और व्यक्तित्व में परिवर्तन आने की वजह से संतुलन बनाने में कठिनाई होती है।45 फीसदी ट्यूमर नॉन-कैंसरस
एम्स और हमीदिया के आंकड़े बताते हैं 45 फीसदी नॉन-कैंसरस और 55 फीसदी कैंसर वाले ट्यूमर होते हैं। एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. सुमित राज के अनुसार यदि ट्यूमर में कोशिकाएं सामान्य हैं तो यह सौम्य (गैर-कैंसरयुक्त) हो सकता है। और कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढऩे वाली हैं, तो ये कैंसर वाली कोशिकाएं हैं।ट्यूमर के दो ग्रेड, जांच सिर्फ महानगरों में
लो ग्रेड ट्यूमर की समय पर पहचान हो तो मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। हाई ग्रेड ट्यूमर में ठीक होने की संभावना कम होती है। ट्यूमर ग्रेड पता करने के लिए इम्यून हिस्टो केमेस्ट्री जांच जरूरी है। इसकी सुविधा दिल्ली या बैंगलुरू जैसे महानगरों में है। एम्स, भोपाल में गामा नाइफ तकनीक से मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं है। हमीदिया की गामा कैमरा मशीन अभी बंद है।ये लक्षण दिखें तो न करें देर
● सिर दर्द ● दौरे पडऩा ● उल्टी आना ● चक्कर आना ● शरीर में कंपन ● हाथ-पैर लडखड़ाना ● कान में घंटी बजना,एक्सपर्ट का कहना है
बीमारी की शुरुआती दौर में पहचान से मरीज को लाभ मिलता है। बीमारी को लेकर कई भ्रांतियां भी है। देश में हर साल लगभग 28 हजार लोग ब्रेन ट्यूमर का शिकार होते हैं।