16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ये है दुनिया की पहली वैदिक घड़ी, समय के साथ दिखाई गृहों की चाल, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

Ujjain Vedic Clock:हिंदू टाइमकीपिंग और ग्रीनविच प्रणाली के अनुसार समय प्रदर्शित करने वाली दुनिया की पहली वैदिक घड़ी उज्जैन में स्थापित हो रही है। इस वैदिक घड़ी को मोबाइल एप के जरिए भी देख पाएंगे।

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Puja Roy

Feb 28, 2024

msg5221712858-4296.jpg

29 फरवरी को अवंतिका नगरी उज्जैन का नाम एक बार फिर इतिहास में दर्ज हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन में 85 फुट ऊंचे टॉवर पर स्थापित विक्रमादित्य 10x12 वैदिक घड़ी और घड़ी के डिजिटल ऐप का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे।इस कार्यक्रम को जंतर मंतर परिसर, चिंतामन बायपास रोड, उज्जैन में आयोजित किया जाएगा।

उज्जैन आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु भी देख सकेंगे
इस घड़ी को उज्जैन आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु भी देख सकेंगे। उज्जैन में पंचांग और कैलेंडर विक्रम संवत के नाम से दुनिया भर में प्रकाशित होते हैं। कर्क रेखा भी यहीं से गुजरती है और यह मंगल ग्रह का जन्म स्थान भी है। ऐसे में इस स्थान का महत्व और भी बढ़ जाता है। उज्जैन में जंतर-मंतर के भव्य टॉवर में दुनिया की पहली अनोखी घड़ी के लिए जंतर-मंतर पर भव्य टॉवर बन कर तैयार है। इसे विक्रम संवत एप के जरिए से चलाया जाऐगा। जीवाजी वेधशाला में तैयार किया जा रहा। साइज़ लगभग 10 x 12 फीट है। यह घड़ी 30 मुहूर्त के समय बताने वाली दुनिया की पहली वैदिक घड़ी होगी।

सबकुछ बताएगी घड़ी
विक्रमादित्य शोध पीठ के डायरेक्टर राम तिवारी ने बताया कि यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल घड़ी होगी। इस घड़ी की खासियत यह है कि इसमें सूर्योदय से सूर्यास्त तक की जानकारी के साथ विक्रम पंचांग और ग्रहों के विवरण योग, भद्रा, चंद्रमा की स्थिति, राशि, चक्र राशि, चौघड़िया, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण शामिल हैं। इस घड़ी को स्थापित करने का उद्देश्य भारतीय कालगणना को पुनः स्थापित करना है।ऐप के जरिए आम लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।

घड़ी में विशेष ग्राफिक्स
घड़ी में विशेष ग्राफिक्स बनाए गए हैं जो हर घंटे एक अलग छवि दिखाएंगे। इसमें 12 ज्योतिर्लिंग, कैलाश मानसरोवर, अयोध्या में श्री राम मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र, देश और दुनिया का सूर्यास्त, सूर्य और चंद्र ग्रहण के दृश्य दिखाई देते हैं। यह घड़ी जीपीएस (GPS)पोजिशनिंग सिस्टम से जुड़ी है। घड़ी के बगल में एक टेलीस्कोप लगाया जाएगा, जिससे खगोलीय घटनाओं का नजारा देखा जा सकेगा।