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World Photography Day : कैमरे की नजर से अतीत से वर्तमान का सफर

World Photography Day : ईदगाह हिल्स के अतीत से वर्तमान तक का सफर कराती ये फोटो। जहां कल हरियाली थी वहां आज बिल्डिंग बन गये। प्राकृतिक सौंदर्य कैसे कांक्रीट के जंगल में तब्दील हो गया।

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World Photography Day

World Photography Day : कैमरे की नजर से अतीत से वर्तमान का सफर

भोपाल. World Photography Day प्रतिवर्ष 19 अगस्त को मनाया जाता है। कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। आजादी से अब तक मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसे कई तस्वीरें है, जो बदलते समय के साथ उनके रंग रूप में परिवर्तन हुआ है। ये तस्वीरें पुराने भोपाल स्थित ईदगाह हिल्स के अतीत से वर्तमान तक का सफर कराती हैं।

ब्लैक एंड वाइट तस्वीर वर्ष 1905 में ली गई थी, जो हमें उस समय के ईदगाह के इतिहास और गौरव से रूबरू कराती है। वहीं दूसरी तस्वीर हमें वर्तमान दिखाती है कि किस तरह इस क्षेत्र में बेहताशा निर्माण होते गए और ये ऐतिहासक स्थान अपना मूल स्वरूप खोता चला गया। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य कैसे कांक्रीट के जंगल में तब्दील हो गया।

भोपाल की ऐतिहासिक इमारत और पुरानी विधानसभा मिंटो हॉल अब नये स्वरूप में आ गया है। धरोहर का अस्तित्व बचा रहे, इसलिए यहां सिर्फ रिनोवेशन कराया गया।

लॉर्ड मिंटो को खुश करने के लिए दिया नाम

मिंटो हॉल की नींव वर्ष 1909 में रखी गई थी। जानकारों के मुताबिक वर्ष 1909 में भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो भोपाल आए हुए थे। उन्हें तब के गेस्ट हाउस (मौजूदा राजभवन) में रुकवाया गया। वायसराय वहां की व्यवस्थाओं से काफी नाराज हुए इसके बाद तत्कालीन नवाब सुल्तान जहां बेगम ने आनन-फानन में मिंटो हॉल बनवाने का निर्णय लिया और लॉर्ड मिंटो से ही उसकी नींव रखवाई। बताया जाता है कि वायसराय को खुश करने के लिए ही इसका नाम मिंटो हॉल रखा गया था।