
sickle cell
World Sickle Cell Day: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार 19 जून को डिंडोरी हैं। वे यहां विश्व सिकल सेल दिवस पर आयोजित जागरुकता और उन्मूलन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। बता दें कि पिछले साल 1 जुलाई 2023 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तरीय अभियान की शुरुआत की थी।
दरअसल सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) एक ऐसा विषय जिसे लेकर कहा जाता है कि शादी करने से पहले ब्लड से रिलेटेड कुछ टेस्ट जरूर करा लें। इनमें सिकल सेल एनीमिया का टेस्ट भी शामिल है। आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब 2023 का बजट पेश किया था तब हेल्थ बजट में कई घोषणाएं की थीं, जिनमें एक घोषणा सिकल सेल एनीमिया रोग के बारे में भी थी। केंद्र सरकार ने साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। आप भी रहें अलर्ट…
राष्ट्रीय सिकलसेल उन्मूलन मिशन 2047 में देश के 17 राज्य शामिल हैं। मिशन में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों के 89 विकासखण्डों में लगभग 1 करोड़ 11 लाख नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जानी है। दूसरे चरण में अब तक 49 लाख 17 हज़ार जनसंख्या की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 1 लाख 20 हज़ार 493 सिकल वाहक एवं 18 हजार 182 सिकल रोगी चिन्हित किए गए हैं। बता दें कि MP के हर जिला चिकित्सालय में जांच की व्यवस्था की गई है। सिकलसेल एनीमिया की पुष्टिकरण जांच पीओसी किट द्वारा स्क्रीनिंग स्थल पर त्वरित जांच परिणाम प्राप्त कर सिकल रोगी का प्रबंधन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में सिकलसेल वाहकों को अब तक 22 लाख 96 हज़ार जेनेटिक कार्ड वितरित किये जा चुके हैं।
मध्य प्रदेश में जनजातीय आबादी सिकल सेल एनीमिया जैसे गंभीर रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसीलिए इसके प्रबंधन, रोकथाम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 2023 में राष्ट्रीय स्तर के अभियान की शुरुआत मध्य प्रदेश से की थी। पीएम के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 19 जून को मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में आयोजित सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए।
सिकल सेल एनीमिया खून की कमी से जुड़ी एक बीमारी है। इस आनुवांशिक डिसऑर्डर में ब्लड सेल्स या तो टूट जाती हैं या उनका साइज और शेप बदलने लगता है, जो खून की नसों में ब्लॉकेज कर का कारण बनता है। सिकल सेल एनीमिया में रेड ब्लड सेल्स मर भी जाती हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। जेनेटिक बीमारी होने के चलते शरीर में खून भी बनना बंद हो जाता है। वहीं शरीर में खून की कमी होने के कारण यह रोग कई जरूरी अंगों को डैमेज करने लगता है। इनमें किडनी, स्पिलीन यानी तिल्ली और लिवर जैसे अंग शामिल हैं।
जब भी किसी को सिकल सेल एनीमिया हो जाता है तो उसमें कई लक्षण दिखाई देते हैं।
– हर समय हड्डियों और मसल्स में दर्द रहना।
– तिल्ली का आकार बढ़ जाता है।
– शरीर के अंगों खासतौर पर हाथ और पैरों में दर्द भरी सूजन आ जाती है।
– खून नहीं बनता।
– बार-बार खून की भारी कमी होने के कारण अक्सर खून चढ़ाना पड़ता है।
सिकल सेल एनीमिया बीमारी का पूरी तरह निदान संभव नहीं है। हालांकि ब्लड टेस्ट के माध्यम से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। फॉलिक एसिड आदि दवाओं के सहारे इस बीमारी के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए स्टेम सेल या बोन मेरो ट्रांस्प्लांट एक मात्र उपाय है।
सिकल सेल एनीमिया के मरीजों में देखा जाता है कि मरीज की अचानक मौत हो जाती है। इसका कारण संक्रमण, बार-बार दर्द उठना। एक्यूट चेस्ट सिंड्रोम और स्ट्रोक आदि को माना जाता है। क्या कहता है सर्वे आपको बता दें कि पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार साल 2015 से 2016 के बीच 58.4 फीसदी बच्चे और 53 फीसदी महिलाएं इस बीमारी के शिकार हुए हैं। पिछले 6 दशकों से यह बीमारी भारत में पनप रही है। वहीं जनजातीय आबादी इस रोग से सबसे ज्यादा पीड़ित है।
Updated on:
19 Jun 2024 11:44 am
Published on:
19 Jun 2024 10:19 am
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