
children coming without uniform in government school
बैतूल। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का पुरानी यूनिफार्म के भरोसे आधा से ज्यादा सत्र बीत चुका हैं लेकिन अभी तक उन्हें नई यूनीफार्म नहीं मिल सकी है। यूनिफार्म वितरण में लेटलतीफ के कारण हर साल यही स्थिति निर्मित होती है। यूनिफार्म सिलाई की जिम्मेदारी दो अलग-अलग विभागों को सौंपी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के यूनिफार्म सिलाई का काम एनआरएलएम को सौंपा गया है। वहीं शहरी क्षेत्रों के स्कूलों के बच्चों की यूनिफार्म सिलाई का काम डेएलयूएनएम को दिया गया है। चूंकि शासन सेे प्रक्रिया में लेटलतीफी किए जाने के कारण इस साल भी यूनिफार्म सिलाई का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। परीक्षा के समय नई यूनिफार्म सिलाई का आर्डर दिया गया है।
2.22 लाख से अधिक डे्रस बनाकर देना होंगे
जिले के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के 1 लाख 11 हजार 303 बच्चों को दो जोड़ी यूनिफार्म सिलकर दिए जाना है। यानि कुल 2 लाख 22 हजार 606 यूनिफार्म सिले जाना है। यूनिफार्म की सिलाई के लिए 31 मार्च तक की डेड लाइन दी गई है लेकिन मार्च तक दो लाख से अधिक यूनिफार्म बना पाना मुश्किल है। इसलिए नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर ही छात्रों को पुराने सत्र के यूनिफार्म मिल सकेंगे।
स्वसहायता समूहों सिलेंगे यूनिफार्म
एनआरएल ने ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की यूनिफार्म सिलाई का काम स्वसहायता समूहों को दिया है। कुल 187 समूहों को सिलाई का काम सौंपा गया है। बताया गया कि जनवरी माह में समूहों को काम दिया गया है। समूह को ही कपड़ा की खरीदी करने सहित सिलाई कर यूनिफार्म तैयार करना होगी। वहीं शहरी क्षेत्र में डेएलयूएनएम को यूनिफार्म सिलाई का काम दिया गया है। विभाग अभी सिलाई के लिए स्व सहायता समूहों से आवेदन ही मांग रहा है। ऐसे में कई सिलाई का काम शुरू होगा और कब यूनिफार्म बनेगी समझ से परे हैं।
एक जोड़ी ड्रेस के लिए 300 रुपए निर्धारित
प्राथमिक एंव माध्यमिक स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को दो जोड़ी यूनिफार्म सिलकर दी जाना है। एक जोड़ी यूनिफार्म सिलाई के लिए शासन ने 300 रुपए की दर निर्धारित की है। इस प्रकार दो जोड़ी यूनिफार्म की सिलाई के लिए समूहों को 600 रुपए दिए जाएंगे। हालांकि अभी समूहों को राशि जारी नहीं की गई है। समूहों को स्वयं के खर्चे पर ही कपड़े की खरीदी कर सिलाई का काम करना होगा। जो स्थिति है उसमें समूहों के पास पर्याप्त राशि नहीं है। पिछले साल भी राशि के अभाव में कई समूहों ने देरी से सिलाई का काम शुरू किया था।
सीएम राइज के छात्रों का डे्रसकोड तय नहीं
सीएम राइज स्कूल में पढऩे वाले छात्रों की डे्रस कोड अभी तक शासन स्तर से तय नहीं हो सका है। इसलिए स्कूल में पढऩे वाले छात्रों को अन्य बच्चों की तरह ही सिलाकर यूनिफार्म दी जाएगी। बताया गया कि पिछले साल भी ड्रेस कोड तैयार नहीं होने के कारण छात्रों को सरकारी स्कूल की यूनिफार्म का ही वितरण किया गया था। इस साल भी इसी ड्रेस से छात्रों को काम चलाना पड़ेगा। जो स्थिति है उसमें सीएम राइज स्कूल में पढऩे वाले छात्रों की संख्या हजारों में बताई जाती है।
इनका कहना
- शासन स्तर से निर्देश मिलने के बाद स्कूल यूनिफार्म की सिलाई का काम जनवरी माह में 187 स्वसहायता समूहों को दिया गया है। समूहों को मार्च तक 2.14 लाख यूनिफार्म सिलकर दिए जाने का लक्ष्य दिया गया है।
- सतीष पंवार, डीपीएम एनआरएलएम जिला पंचायत बैतूल।
- यूनिफार्म सिलाई के लिए स्व सहायता समूहों से आवेदन मंगवाए जा रहे हैं। आवेदन आने के बाद समूहों को सिलाई का काम सौंपा जाएगा। आदेश देरी से मिले इसलिए यूनिफार्म सिलाई का काम देरी से शुरू हो रहा है।
- अखिलेश चौहान, सीएमएम डेएलयूएनएम नगरपालिका बैतूल।
ब्लॉक वार छात्रों की संख्या जिन्हें ड्रेस दी जाना है
Published on:
05 Feb 2023 08:49 pm
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