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(भुवनेश्वर): ओडिशा में बीते दिनों आए समुद्री चक्रवात ने राज्य के कई परिवारों गहरे जख्म़ दिए है। तितली के कारण गजपति जिले के एक परिवार ने अपनी बेटी खो दी। बेटी को खोने के का दुख झेल रहे पिता को पोस्टमार्टम के लिए बेटी के शव का बोझ भी सहना पड़ा। दरअसल मुकुंद की बेटी की मौत तितली की चपेट में आने से हो गई थी। शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए उसे बेटी के शव को कंधे पर लादकर आठ किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ा।
यह घटना रायगढ ब्लाक की है जहां से पोस्टमार्टम हाउस आठ किलोमीटर दूरी पर था। रिपोर्ट के अनुसार मुकुंद डोरा की आठ साल की बेटी तितली चक्रवाती तूफान के दौरान ही लापता हो गयी थी। उसका शव एक नाले में गुरुवार को पाया गया था। मुकुंद ने पुलिस से मदद मांगी तो वहा पंचनामा करके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने को कहा गया।
मुकुंद के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह को शव किसी वाहन में ले जाता। पुलिस ने भी मदद से इंकार कर दिया। नतीजतन वह कांधे पर ही शव रखकर चल पड़ा। अब इस घटना पर विपक्ष ने नवीन पटनायक को घेरना शुरू कर दिया है।
विपक्षी दलों ने सरकार को लिया आडे हाथ
बीजेपी महिला मोर्चा की राज्य की अध्यक्ष लेखाश्री सामंतसिंघार ने कहा कि जीरो कैजुअल्टी का दावा करने वाली ओडिशा सरकार की पुलिस बच्ची के शव को पोस्टमार्टम तक ले जाने को वाहन तक उपलब्ध न करा सकी। कांग्रेस नेता प्रदीप माझी ने आरोप लगाया कि तितली से तबाही का मंजर साफ दिखने के बाद भी सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। 13 लोग अभी भी लापता है। गजपति जिला कलक्टर अनूप शाह ने कहा कि 26 शवों का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि मुकुंद डोरा को 10 लाख रुपया सरकारी मदद दी जा चुकी है।
Published on:
19 Oct 2018 07:52 pm
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