
crime branch team
(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): बरगढ़ जिले के डिबरीगढ़ वाइल्ड लाइफ रेंज के निकट 29 अक्टूबर को पाया जाने वाला जानवर का शव तेंदुआ का था या टाइगर का। इस पर अभी तक रहस्य बना हुआ है। भ्रम पैदा करने वाले वाइल्ड लाइफ के डीएफओ अमिय पटनायक का तबादला कर दिया गया। मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम वन्य प्राणि संरक्षण विभाग के विशेषज्ञों के साथ जंगल की खाक छान रही है। बताया जाता है कि शिकारियों ने बिजली का तार बिछाकर इसका शिकार किया था। इस सिलसिले में चार शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन्हें बरगढ़ जिला वन अधिकारी की देखरेख में रखा गया है।
फैल रहा भ्रम
क्षतविक्षत शव होने के कारण सही तौर पर नहीं बताया जा सका कि यह टाइगर है या तेंदुआ। पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सक भी खुद को भ्रमित बता रहे हैं। शिनाख्त के लिए पोस्टमार्टम के उपरांत शव के विशेष अंग देहरादून (उत्तराखंड) वन्यप्राणी रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजे गए हैं। जानकार लोगों का कहना है कि डिबरीगढ़ में एक ही टाइगर था, जिसे शिकारियों ने मार दिया। यह टाइगर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से आया हुआ बताया जाता है। वाइल्ड लाइफ डीएफओ अमिय पटनायक ने ट्वीट करके इसे तेंदुआ बताया था। इसी ट्वीट को वन मंत्री विजयश्री राउतराय और वन्य प्राणी संरक्षक ने भी कमेंट के साथ बढ़ा दिया। लोग यह मानने को तैयार नहीं है कि यह तेंदुआ था।
क्राइम ब्रांच को सौंपी जांच
अधिक भ्रम फैलने पर क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी गई। एडीजी क्राइम ब्रांच के निर्देश पर डीएसपी विलासिनी नायक के साथ चार सदस्यीय क्राइम ब्रांच की टीम सोमवार को डिबरीगढ़ पहुंची। शव के पाये जाने वाले क्षेत्र का निरीक्षण किया। नायक का कहना है कि वह गिरफ्तार किए गए शिकारियों से भी बातचीत करेंगी। उनका कहना है कि लोग बताते हैं कि शव रायल बंगाल टाइगर का था न कि तेंदुआ का। पकड़े गए शिकारियों से कुछ सुराग मिल सकता है। इस बीच वन एंव पर्यावरण विभाग अपर मुख्यसचिव सुरेस महापात्र का कहना है कि वह शव रायल बंगाल टाइगर का था। भ्रम होने के कारण जांच कराई जा रही है। शिकारियों से मिले साक्ष्य के अनुसार टाइगर ही है।
शिकारियों ने कबूल की यह बात
वन मंत्री विजयश्री राउतराय और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन संदीप त्रिपाठी इसे तेंदुआ बता रहे हैं। वन विभाग के सूत्र बताते हैं कि शिकारियों ने भी कबूला कि वह टाइगर ही है। पर मंत्री और विभागीय उच्चस्तरीय का बयान आने के बाद देहरादून के वाइल्ड लाइफ रिसर्च इंस्टीट्यूट से रिपोर्ट आने पर ही कुछ अधिकारिक तौर पर कहा जा सकता है।
Published on:
05 Nov 2018 08:58 pm
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