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600 साल पुराने ‘बड़ा अखाड़ा’ मठ को ढहाने की बारी, राजनीतिक दल विरोध पर उतरे

Puri Math: 900 साल पुराने एमार मठ ( Emar Math ) के बाद अब ‘बड़ा अखाड़ा’ मठ ( Bada Akhada Math ) की बारी है। इस मठ की स्थापना विशेष उद्देश्य से की गई है जिसके अनुसार ( Bada Akhada Math History )…

भुवनेश्वरSep 02, 2019 / 03:11 pm

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600 साल पुराने ‘बड़ा अखाड़ा’ मठ को ढहाने की बारी, राजनीतिक दल विरोध पर उतरे

(भुवनेश्वर): पुरी के जगन्नाथ मंदिर ( Puri Jagannath Temple ) के 75 मीटर के दायरे में आने वाले मठों व अन्य ढांचों को गिराने का मुद्दा राजनीतिक बनता जा रहा है। एमार मठ के बाद अब साधुओं के ‘बड़े अखाड़े’ का नंबर है। मठों के ध्वस्तीकरण का राजनीतिक लोगों के साथ ही अन्य वर्ग भी विरोध करने लगे हैं।

 

बीजेडी पक्ष में अन्य कर रहें विरोध

12वीं शताब्दी के श्रीजगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा के मद्देनजर 75 मीटर के दायरे में आने वाले वाले निर्माण को अवैध बताकर ढहाया जा रहा है। मठों को ढहाने की कार्रवाई के विरोध में पुरी के शंकराचार्य समेत बीजेपी और कांग्रेस ( Odisha Congress ) विरोध कर रही है जबकि बीजेडी ( BJD ) पक्ष में माहौल बनाने में जुटी है। बीते दिनों इस दायरे में आने वाले एमार मठ को ध्वस्त किया गया। एमार मठ लगभग 900 साल पुराना है। इसका थोड़ा हिस्सा बाकी है जहां पर मठ के महंत ध्यान मुद्रा में बैठे बताए जाते हैं। मठ ढहाने का विरोध करने का उनका अपना तरीका है। हालांकि गणेश चतुर्थी की छुट्टी के कारण ध्वस्तीकरण बंद है पर राजनीति में हलके में मुद्दा गरम है। श्रीमंदिर की मेघनाद दीवार से लगे लांगुली मठ और एमार मठ गिराने के बाद ओडिशा की धार्मिक राजधानी पुरी में मठ संस्कृति प्रभावित हुई है।

 

मठ ढहाना बड़ा दु:खद

एमार मठ के बाद बड़ा अखाड़ा मठ गिराया जाएगा। बड़ा अखाड़ा मठ के महंत हरिनारायण दास का कहना है कि मठों के ढहाए जाने का दृश्य देखकर दुख होता है। जनता मौन होकर तमाशा देख रही है और मठ तोड़े जा रहे हैं। मठों की प्राचीन संस्कृति और परंपरा के संरक्षण को खत्म किया जा रहा है और लोग चुप हैं। इस मठ के लोग शिफ्टिंग की तैयारी में जुटे हैं।

 

कांग्रेस ने बताया निंदनीय

सत्ताधारी दल बीजू जनता दल को छोड़कर बाकी दल पुरी में चलाए जा रहे ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर राज्य में नवीन पटनायक सरकार को घेरने में जुट गए हैं। कांग्रेस के विधायक सुरेश राउत कहते हैं कि हिंदू धर्म की प्राचीन परंपरा खंडित की जा रही है, यह निंदनीय है।


रोजगार पर संकट

मठों से हजारों लोगों की रोजी रोटी जुड़ी है जिसे समाप्त किया जा रहा है। सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। पुरी से बीजेपी विधायक जयंत षाड़ंगी ने मठ ध्वस्तीकरण कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने इसे सरकार का अनुचित कार्य बताया। विधायक जयंत का कहना है कि नवीन सरकार को मठों को गिराने से पहले लोगों से राय मशविरा करना चाहिए था। राज्य सरकार के विधि मंत्री प्रताप जेना ने कहा कि लोगों को श्रीमंदिर की सुरक्षा और सौंदर्यीकरण के लिए की जा रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि श्रीमंदिर पर किसी तरह की राजनीति करना उचित है।


नागा साधुओं ने स्थापित किया था बड़ा अखाड़ा

इतिहासकारों का कहना है कि ‘बड़ा अखाड़ा’ मठ 1402 में नागा साधुओं द्वारा स्थापित किया गया था। इस मठ का उद्देश्य बाहरी आक्रांताओं से श्रीजगन्नाथ मंदिर को बचाना था। यह पुरी तीर्थस्थल आने वाले साधुओं के लिए प्रमुख पवित्र स्थल माना जाता है। बताते हैं कि 14 शताब्दी में श्रीरामानंद का पुरी आना हुआ। उन्होंने मंदिरों की रक्षा के लिए कुछ केंद्र स्थापित किए जिन्हें अखाड़ा कहा जाता है। यहां पर स्थापना के बाद से ही रीतिनीति और नाम संकीर्तन नियमित होता रहता है। जगन्नाथ संस्कृति और रीतिनीति का यह भी हिस्सा बन चुका है।

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