
movement of prohibition
(महेश शर्मा की रिपोर्ट)
भुवनेश्वर। ओडिशा में शराब के कारोबार की बंदी का आंदोलन इन दिनों जोरों पर है। जहरीली अवैध शराब की बिक्री रोकने को लेकर महिलाएं व पुरुष आंदोलनरत हैं। आंदोनलनकारियों का कहना है कि शराब का वैध-अवैध कारोबार बंद होना चाहिए। कटक जिले के बांकी ब्लाक में गुरुवार को शराब बिक्री के विरोध में सड़क को जाम कर दिया।
पुलिस की जानकारी में शराब का अवैध कारोबार का आरोप
आंदोलनकारियों ने सड़क के बीचों बीच टायर जलाकर रास्ता अवरुद्ध किया गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके लोगों को तितर-बितर कर दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस की जानकारी में शराब का अवैध कारोबार किया जा रहा है। अवैध शराब के कारोबारी पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। आंदोलनकारियों का गुस्सा बढता जा रहा है।
सरकार नहीं मानती यथार्थवादी कदम
बिहार में एक अप्रैल 2016 से शराब बंदी की देखादेखी ओडिशा में इसका असर पड़ा पर राज्य सरकार इसे आय का प्रमुख स्रोत बताकर शराब बंदी की मांग से पल्ला झाड़ लेती है। सरकार का कहना है कि इसका उत्पादन और बिक्री पर रोक नहीं लगायी जा सकती है। नवीन पटनायक की सरकार विधानसभा में लिखित जवाब दे चुकी है कि यह कदम यथार्थवादी नहीं होगा। सरकार यह भी कहती है कि शराब बंदी हुई तो शराब का अवैध कारोबार बढ़ जाएगा।
शराब से 14 सौ करोड़ होगी सरकार को आय
शराब से 14 सौ करोड़ के आसपास सरकार को आय की संभावना है। ओडिशा महिला कांग्रेस ने राज्य व्यापी आंदोलन चला रखा है। गांधी शांति प्रतिष्ठान से जुड़े राष्ट्रीय युवा संगठन के अध्यक्ष डा.विश्वजीत कहते हैं कि शराबबंदी का आंदोलन कटक, कालाहांडी, खोरदा, पुरी, गंजम, जाजपुर, सुंदरगढ़, बरगढ़, संबलपुर के सुदूरवर्ती इलाकों मे चलाया जा रहा है। इसे संगठित रूप से चलाने का प्रयास किया जा रहा है। शराबबंदी आंदोलन को और तेज करने के प्रयास किये जायेंगे।
Published on:
30 Aug 2018 04:01 pm
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