5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मालवाहक जहाज डूबने के मामले में खुलेगा राज

मालवाहक जहाज डूबने के मामले में राज जल्द खुलने की संभावना बढ़ती दिख रही है। इस मामले में सीबीआइ ने अहम उठाया कदम उठाया है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की सिफारिशों के बाद सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू करने के लिए ओडिशा सरकार से अनापत्ति प्रमाण-पत्र मांगा था।

less than 1 minute read
Google source verification
मालवाहक जहाज डूबने के मामले में खुलेगा राज

मालवाहक जहाज डूबने के मामले में खुलेगा राज

सीबीआइ ने यह उठाया कदम
मालवाहक जहाज डूबने के मामले में राज जल्द खुलने की संभावना बढ़ती दिख रही है। इस मामले में सीबीआइ ने अहम उठाया कदम उठाया है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की सिफारिशों के बाद सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू करने के लिए ओडिशा सरकार से अनापत्ति प्रमाण-पत्र मांगा था। लेकिन राज्य सरकार ब्लैक रोज जहाज मामले की जांच कथित तौर पर सीबीआइ से नहीं करवाना चाहती थी। इस कारण आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप कुमार प्रधान ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
--
उड़ीसा हाईकोर्ट में दायर किया हलफनामा
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने उड़ीसा हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा है कि ओडिशा सरकार ने 2009 में पारादीप तट के पास मंगोलियाई मालवाहक जहाज के डूबने के मामले में जांच के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र देने के उसके दो अनुरोधों का जवाब नहीं दिया। एक आरटीआई कार्यकर्ता की जनहित याचिका के जवाब में सीबीआइ ने यह हलफनामा दायर किया है। याचिकाकर्ता ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी द्वारा बार-बार किए गए अनुरोध के बावजूद ओडिशा सरकार की उदासीनता के मामले में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की थी।
मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ अब दो सप्ताह बाद इस मामले में सुनवाई करेगी।
--
यह है घटना
मंगोलियाई मालवाहक जहाज एम वी ब्लैक रोज नौ सितंबर, 2009 को रहस्यमय परिस्थितियों में पारादीप बंदरगाह से पांच किलोमीटर दूर डूब गया था। जहाज में चालक दल के 27 सदस्य थे और 23,000 मीट्रिक टन से अधिक लौह अयस्क भी लदा था। जहाज में सवार चालक दल के सभी सदस्यों को तटरक्षक बल ने बचा लिया था, लेकिन एक अभियंता की मौत हो गई थी।