11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भुवनेश्वर में बोले उपराष्ट्रपति-चि​कि​त्सा को मिशन की तरह की लें डाक्टर

अटल जी के योगदान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने ही एम्स को कई प्रदेशों में खोलने की योजना शुरू की थी...

2 min read
Google source verification
उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू

(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू ने डाक्टरी पेशे को मिशन की तरह लेने का आव्हान किया। उपराष्ट्रपति यहां एम्स भुवनेश्वर के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में ग्रामीण और शहरी स्वास्थ सेवाओं में बहुत अंतर है, इस अंतर को भरना डाक्टरों का धर्म है। चिकित्सा में गुणवत्ता समय की मांग है। एम्स के डाक्टरों की साख है। सेवा के भाव से इसे बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि इस सम्मानित पेशे को बिजनेस की तरह नहीं देखना चाहिए।


भावी चिकित्सकों में होनी चाहिए संवेदनशीलता

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि डाक्टरों की नयी पीढ़ी ऐसी तैयार की जानी चाहिए जिनमें पेशेगत संवेदनशीलता हो। मरीजों और उनके परिवार के साथ डाक्टरों का दर्द का रिश्ता हो। किसी को निरोग कर देने से बड़ी सेवा वास्तव में कोई नहीं है। मानव सेवा ही वास्तव में स्वास्थ सेवा है। उन्होंने भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना को स्वास्थ रक्षा की सर्वोत्तम योजना बताया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ सेवा के क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगी। उन्होंने कहा कि एम्स भुवनेश्वर उच्चकोटि की स्वास्थ सेवा प्रदाता संस्थान है। उनका कहना है कि डाक्टर किसी भी जरूरतमंद गरीब के इलाज में आगे आएं, उनके इलाज से किसी को नई जिंदगी मिल सकती है।

अटल जी को किया नमन

उन्होंने भुवनेश्वर में एम्स की स्थापना के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी को याद किया। अटल जी के योगदान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने ही एम्स को कई प्रदेशों में खोलने की योजना शुरू की थी। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा, ओडिशा सरकार के स्वास्थ मंत्री प्रताप जेना भी एम्स के इस पहले दीक्षांत समारोह में उपस्थित रहे।


यह भी पढे: भाजपा नेता शत्रुघ्न ने सीएम केजरीवाल की तारीफ में पढ़े कसीदे, AAP जिन्दाबाद का नारा किया बुलंद