पुलिस अधीक्षक सार्थक षाड़ंगी का कहना है कि पुलिस तो सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन करा रही थी। उनका कहना है कि श्राजगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक समेत एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुरी में धारा 144 लागू कर दी गई है। श्रीमंदिर सुधार के निर्णय के विरोध में बंद किया गया।
पुरी बंद का ऐलान दो अक्टूबर को ही कर दिया गया था। बंदकारियों को भाजपा और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। इन दलों के कार्यकर्ता भी बंद कराने में शामिल रहे। सुबह से ही बाजार बंद कारने को टोलियां निकल पड़ी थी। चहल-पहल वाला इलाका बड़दंड (श्रीमंदिर क्षेत्र) में देखते ही देखते सन्नाटा पसर गया। वाहनों की आवाजाही ठप कर दी गई। वाहन और बाजार बंदी के कारण भारी संख्या में भक्तगण मंदिर नहीं पहुंच सके। भय के कारण ये धर्मशालाओं और होटलों में दुबके रहे। बंद के कारण पुरी टाउन और बाहर से आने वालों को लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। चाय तक की दुकाने बंद रही।
अफरातफरी के माहौल में इने -गिने भक्तों को ही श्रीमंदिर जाने का अवसर मिल पाया। बंद के कारण पर्यटक समुद्र तट तक नहीं जा सके। बताते हैं कि पुलिस की सलाह के कारण हजारों की संख्या में महाप्रभु के भक्तों ने बंदी के बाद दर्शन का निर्णय लिया। यह बंदी 12 घंटे की है। श्रीजगन्नाथ सेना के समर्थन में भाजपा और कांग्रेस के लोग भी दिखाई पड़े। बंदकारियों ने टायरों को जलाकर रास्ता रोका और श्रीमंदिर प्रशासन कार्यालय पर हल्ला बोला तोड़फोड़ की। उनका गुस्सा यहीं पर शांत नहीं हुआ राजस्व मंत्री महेश्वर महंति के आवास पर भी प्रदर्शन किया।
बंद को विफल करने के पुलिस के प्रयास नाकाम रहे। हालांकि सुबह ही श्रीजगन्नाथ सेना के संयोजकक प्रियदर्शन पटनायक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था पर सेना के कार्यकर्ता टोलियों में बंद को सफल बनाने में जुटे रहे। हिंसा फिलहाल थम गयी है।
बंदकारियों की मांग।
1-लाइन लगाकर दर्शन व्यवस्था का आदेश वापस लिया जाए।
2-सेवायतों को डोनेशन लेने का अधिकार मिलना चाहिए।
3-रत्नभंडार की चाबी खोने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए।
4-स्वर्गद्वार का पुनरुद्धार किया जाए।
5-सिद्धमहावीर रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज बनाया जाए।
6-पत्रकार पर हमले की जांच।
7-श्रीमंदिर परिसर पर सीढि़यों पर पिंडदान और श्राद्ध की परंपरा जारी रहनी चाहिए।