CG News: हर साल बरसात में बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है, लेकिन समय रहते तैयारी नहीं होने से हालात बेकाबू हो जाते हैं। इस संकट ने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की जरूरत को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
CG News: बरसात के साथ जिले में मलेरिया, उल्टी-दस्त जैसी मौसमी बीमारियों का कहर तेजी से बढ़ रहा है। सबसे अधिक प्रभावित कयुनिटी हेल्थ सेंटर भैरमगढ़ की हालत चिंताजनक है, जहां 30 बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल में फिलहाल 115 मरीज भर्ती हैं। मरीजों की बढ़ती भीड़ के कारण उन्हें अस्पताल के गलियारे और फर्श पर गद्दा बिछाकर इलाज देना पड़ रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. रमेश तिग्गा ने खुद का कार्यालय खाली कर उसमें भी बेड लगवा दिए हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना अस्पताल में 200 से 250 तक मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं, जबकि 100 से अधिक मरीज इनडोर में भर्ती हैं। सबसे ज्यादा मलेरिया और उल्टी-दस्त के मरीज सामने आ रहे हैं।
डॉ. तिग्गा ने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल के लगभग हर कमरे को वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। अस्थायी रूप से 80 बेड की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह भी नाकाफी साबित हो रही है। बावजूद इसके डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात सेवा में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दवाओं की कमी नहीं है, परंतु विकल्प सीमित हैं, ऐसे में अस्पताल को जल्द अपग्रेड किए जाने की जरूरत है।
भैरमगढ़ की स्थिति साफ बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं अभी भी संसाधनों के संकट से जूझ रही हैं। हर साल बरसात में बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है, लेकिन समय रहते तैयारी नहीं होने से हालात बेकाबू हो जाते हैं। इस संकट ने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की जरूरत को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
CG News: भैरमगढ़ के एक स्कूल हॉस्टल के 13 छात्र भी मलेरिया से संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं। संसाधनों की कमी के चलते इन्हें भी फर्श पर ही उपचार दिया जा रहा है।
भैरमगढ़ ब्लॉक के भीतरूनी गांवों से बड़ी संख्या में बीमार ग्रामीण अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर और अधिक दबाव बढ़ रहा है।