
पुनर्वास नीति बनी परिवर्तन की आधारशिला (Photo source- Patrika)
CG Naxal News: नक्सल हिंसा से लंबे समय से प्रभावित जिले में सुरक्षा बलों और प्रशासन की रणनीति रंग लाने लगी है। शुक्रवार को जिले में 13 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया। आत्मसमर्पण करने वालों में कुल 23 लाख रुपये के इनामी नक्सली शामिल हैं।
आत्मसमर्पित करने वालों में देवे मुचाकी उर्फ प्रमिला रू 8 लाख इनामी, कोसा ओयाम उर्फ महेश रू5 लाख इनामी, कोसी पोड़ियाम रू 2 लाख इनामी, सम्मी सेमला, छोटू परसीक, मोती ताती, सुनिता हेमला, मंजुला कुंजाम शामिल हैं।
जिला मुख्यालय स्थित कार्यक्रम में इन सभी नक्सलियों ने डीआईजी बीएस नेगी और एसपी डॉ. जितेंद्र यादव की उपस्थिति में आत्मसमर्पण किया। शासन की पुनर्वास नीति के तहत सभी को ?50,000 की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। आत्मसमर्पण के पीछे अंदरूनी इलाकों में लगातार पुलिस कैंपों की स्थापना, सुरक्षा बलों की लगातार दबिश, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की ग्रामीण इलाकों तक पहुँच, नक्सली विचारधारा से मोहभंग मुख्य कारण हैं।
राज्य सरकार की ’नियद नेल्लानार’ योजना और पुनर्वास नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में नक्सली अब हथियार छोड़कर शांति और विकास की राह पकड़ रहे हैं।
CG Naxal News: एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक 241 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त 270 माओवादी गिरफ्तार और 126 मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। उन्होंने अन्य नक्सलियों से भी अपील की कि वे भ्रम और हिंसा का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौटें।
Published on:
29 Jun 2025 12:25 pm
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