
CG Naxal News: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (नक्सली) के मददेड़ एरिया कमेटी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आदिवासी गांवों में सुरक्षा बलों द्वारा कथित अत्याचारों का कड़ा विरोध किया है। संगठन ने आरोप लगाया है कि सीआरपीएफ, कोबरा, बस्तर फाइटर्स और डीआरजी के संयुक्त बल नक्सल उन्मूलन अभियान के नाम पर आदिवासी ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं।
संगठन के मुताबिक, 22 से 25 दिसंबर 2024 के बीच बीजापुर जिले के पंगोड और बोगला गांवों में सुरक्षा बलों ने मोटरसाइकिलों और पैदल बड़ी संख्या में पहुंचकर ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की। बोगला गांव के तीन ग्रामीणों को उनके घरों से उठाकर पूछताछ की गई, जिसमें से दो को छोड़ दिया गया, लेकिन सोड़ी उंगा को जबरन ले जाया गया, और तब से वह लापता हैं।
संगठन ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने बोगला गांव के गद्दरी मड़वी जोगा को भी धमकी दी और ग्रामीणों की संपत्तियों को लूटा। आरोप है कि फोर्स ने 10 किलो मछली, 2 किलो पेगोलिन (जाड़ूम), एक साड़ी, 2 किलो चीनी और 3 जोड़ी रस्सी जबरन ले ली। इसके अलावा, ग्रामीणों को डराने-धमकाने और उनके सामान की जबरन जांच करने का भी आरोप लगाया गया है।
CG Naxal News: मददेड़ एरिया कमेटी ने इस मुद्दे पर सामाजिक संगठनों, आंगनबाड़ी संगठन, आदिवासी महिला संगठन और सर्व आदिवासी समाज से अपील की है कि वे इस कथित अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करें। उन्होंने गद्दरी मड़वी जोगा के मुद्दे पर डीआरजी कर्मियों को नौकरी से हटाने की मांग करते हुए आंदोलन खड़ा करने की अपील की है। संगठन ने यह भी दावा किया है कि सुरक्षा बल ग्रामीणों को डराकर और धमकाकर दबाव बना रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
Published on:
29 Dec 2024 11:55 am
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