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पिता का सपना सच करने के लिए बेटी ने थामा बल्ला, दो साल में स्टेट अंडर 17 टीम में बनाई जगह

इसमें पूर्वी ने कालीपुर की टीम की ओर से खेलते हुए 5 ओवर में 32 रन देकर 3 विकेट लेकर इस मैच के मैन ऑफ द मैच रही। पूर्वी ऐसे कई टुर्नामेंट में लडक़ों के छक्के छुडवाए हैं। पूर्वी ने बताया कि पिता भारतीय क्रिकेट टीम से खेलना चाहते थे। इसके लिए वे काफी मेहनत भी किए, लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से वे पीछे रह गए।

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जगदलपुर. पिता का सपना पूरा करने बेटी ने न सिर्फ बल्ला थामा बल्कि दो साल की कड़ी मेहनत बाद अंडर - १७ राष्ट्रीय शालेय क्रिकेट टीम में भी जगह बना ली है। जगदलपुर शहर से लगे ग्राम कालीपुर निवासी 16 वर्षीय पूर्वी अपने पिता प्रदीप गुहा के सपने को अपना सपना बना ली है।

पूर्वी भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहतन तो कर रही है। साथ ही जिले में आयोजित होने वाले हर टुर्नामेंट में लकड़ों की टीम से भी खेलती है। जिसमें वह हर मैच में लडक़ों के छक्के छुडवा देती है। ऐसा ही नजारा कालीपुर में आयोजित अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता में देखने को मिला।

इसमें पूर्वी ने कालीपुर की टीम की ओर से खेलते हुए 5 ओवर में 32 रन देकर 3 विकेट लेकर इस मैच के मैन ऑफ द मैच रही। पूर्वी ऐसे कई टुर्नामेंट में लडक़ों के छक्के छुडवाए हैं। पूर्वी ने बताया कि पिता भारतीय क्रिकेट टीम से खेलना चाहते थे। इसके लिए वे काफी मेहनत भी किए, लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से वे पीछे रह गए। जिसे अब मैं पूरा करना चाहती हूं। उनका का कहना है कि बस्तर में ज्यादातर लड़किया क्रिकेट को लेकर रूचि नहीं रखती है।

घर पर ही बना दिया प्रैक्टिस ग्राउंड

पूर्वी के पिता प्रदीप गुहा ने बताया कि आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी की वजह से वह क्रिकेट में आगे नहीं बढ़ पाए और भारतीय क्रिकेट टीम से खेलना उनके लिए सिर्फ सपना ही बनकर रह गया। मेरे सपने को मेरी बेटी ने पूरा करने की ठान ली है। ऐसे में उसे प्रैक्टिस करने में दिक्कत न हो इस लिए घर पर ही ग्राउंड बना दिया है। इतना ही नहीं वर्क आउट के लिए जिम भी बनाया है।

रोज 4-5 घंटे करती हैं प्रैक्टिस

पूर्वी अभी कक्षा दसवीं में है। जो पढ़ाई के साथ-साथ हर दिन 4-5 घंटे प्रैक्टिस करती है। सुहब 6 से 7.30 बजे तक और दोपहर 2.30 से शाम ६ बजे तक प्रैक्टिस करती है। वहीं छुट्टी के दिन सुबह से शाम तक प्रैक्टिस करती है।

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