
76 जवानो के खून से सने हैं जिसके हाथ उस खूंखार नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
बीजापुर. Hardcore bounty naxalite surrender in Chhattisgarh प्रदेश के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में आठ लाख रुपये के इनामी नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आज नक्सली सुधीर कोरसा (31 वर्ष) ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
सुधीर कोरसा पिपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के बटालियन नंबर एक के कंपनी नंबर दो का प्लाटून कमांडर है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कोरसा ने नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर तथा नक्सलियों की खोखली विचारधारा से क्षुब्ध होकर नक्सलवाद छोड़ने का फैसला किया है।
जानकारी के अनुसार कोरसा वर्ष 2005 में संगठन में भर्ती हुआ था। इसके बाद वर्ष 2006 में मुरकीनार की घटना में, वर्ष 2007 में रानीबोदली की घटना में, वर्ष 2009 में कोरापुट (दमनजोडी) उड़ीसा में बारूद मैग्जीन लूटने की घटना में तथा वर्ष 2010 में ताड़मेटला (सुकमा) की घटना में वह शामिल था। ताड़मेटला की घटना में नक्सलियों ने 76 पुलिस जवानों की हत्या कर दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कोरसा के समर्पण में कोबरा बटालियन के निरी़क्षक सोमदेव आर्य का विशेष योगदान रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादी के आत्मसमर्पण करने पर उसे 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। वहीं उसे पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।
Published on:
18 Sept 2019 06:55 pm
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