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1900वीं सदी में भगवान श्री कृष्ण ने बस्तर में की थी लीला, आज भी गुफा में दिखते है चमत्कार

Bhagwan Shree Krishna Mandir In Bastar: 1900 ईसवी में भगवान के कुछ चमत्कार यहां देखने को मिले तब से श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहता है। पहाड़ी की गुफा के अंदर बसे भगवान के दर्शन करने गुफा के अंदर भक्त प्रवेश करते है उसके शुरुआती हिस्सा एवं निकलने का द्वारा छोटा है घुटनो के बल होकर बाहर निकलना पड़ता है।

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Bhagwan Shree Krishna Mandir In Bastar: मुख्यालय से 8 किमी दूर पोषड़पल्ली गांव की पहाड़ी की गुफा में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। बताया जाता है कि 1900 ईसवी में भगवान के कुछ चमत्कार यहां देखने को मिले तब से श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहता है। पहाड़ी की गुफा के अंदर बसे भगवान के दर्शन करने गुफा के अंदर भक्त प्रवेश करते है उसके शुरुआती हिस्सा एवं निकलने का द्वारा छोटा है घुटनो के बल होकर बाहर निकलना पड़ता है।

इस गुफा में बसे श्रीकृष्ण के लोगो की आस्था बहुत है। गांव की समिति के द्वारा मेले का आयोजन करवाया जाता हैं इस साल पांच अप्रैल से मेले का आयोजन शुरू हुआ शुक्रवार को मंडपंछादन का कार्यक्रम किया गया शनिवार को गोवर्धन पर्वत पूजा अर्चना एवं ध्वजारोहण रविवार को कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना मंदिर परिसर में सोमवार को दोपहर दो बजे राधा एवं कृष्ण का विवाह समारोह एवं क्षेत्रीय लोकनृत्य किया जाएगा।

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मंगलवार को भगवान की रथयात्रा एवं समापन तथा गुड़ीपड़वा नवरात्र प्रारंभ होगा। मेले का आयोजन हर साल किया जाता है चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या के तीन दिन पूर्व से प्रारंभ होता है और चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा नवरात्रारंभ गुड़ीपड़वा के दिन समापन होता है। इस मेला को हिंदी वर्ष का अंतिम मेला और हिंदी नववर्ष आगमन मेला भी कहा जाता है। इस वर्ष इस मेले का आयोजन वनोपज समिति और आसपास के ग्राम पंचायत के लोगो द्वारा किया जा रहा है। जिसमे ग्राम पंचायत बामनपुर ,अर्जुनल्ली, रुद्रारम, गोरला, जिला वनोपज सहकारी समिति यूनियन बीजापुर ,प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति चेरपल्ली ,भद्रकाली, देपला, सकनापल्ली की मेले के आयोजन में सहयोग किया है। दर्शन करने के लिए छत्तीसगढ़ सहित महारष्ट्र, तेलंगाना से भक्त पहुंचते है।