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प्रियंका गांधी बोलीं- पत्रकार मुकेश हत्याकांड में हो सख्त कार्रवाई… खाने पर बुलाकर की हत्या, अब तक 3 की गिरफ्तारी

Mukesh Chandrakar Murder: छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर उनकी हत्या कर दी गई....

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Journalist Mukesh Chandrakar Murder

Journalist Mukesh Chandrakar Murder: पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड की जांच के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी गई है। शनिवार को हत्याकांड के आरोपी ठेकेदार के ठिकानों पर बुलडोजर चलाने के साथ ही उसके बैंक खातों को भी होल्ड करवाया गया है। हत्या के तीन आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में इन तीनों ने पत्रकार की हत्या करने की बात को कबूला है।

घटना के विरोध में बीजापुर बंद रहा। पत्रकारों ने मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की। जगदलपुर के पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकाला।

वारदात का मुख्य षड्यंत्रकारी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बस्तर आईजी पी. सुंदरराज और डीआईजी कमलोचन कश्यप ने शनिवार शाम बीजापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हत्या के आरोपी रितेश चन्द्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया है। वहीं अन्य दो आरोपियों महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर को बीजापुर से पकड़ा गया।

फॉरेंसिक टीम ने शव पंचनामा के दौरान पाया कि मृतक के सिर, पीठ, पेट और सीने में रॉड से इतने वार किए गए कि उसने मौके पर दम तोड़ दिया। मामले में बीएनएस की धारा 103, 238, 61, 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। आईजी ने बताया कि आरोपियों की समस्त संपत्तियों और बैंक खातों की जानकारी खंगाली जा रही है। तीन बैंक खातों को होल्ड कर दिया गया है।

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Journalist Mukesh Chandrakar Murder: पहले खाना खिलाया, फिर मार डाला

मोबाइल और हत्या में प्रयुक्त हथियार को पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में इस बात को कबूला है कि सडक़ निर्माण की खबर को लेकर विवाद हुआ था। एक जनवरी को करीब रात आठ बजे मृतक पत्रकार और आरोपी रितेश चंद्राकर के बीच मोबाइल पर बातचीत हुई। मुकेश चंद्राकर और आरोपी रितेश चंद्राकर चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़ा पहुंचे और रात में भोजन करने लगे। इसी दौरान बहस हुई और हत्या कर दी गई।

पत्रकार से कांग्रेसी की नाराजगी

कांग्रेस ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर सहित तीन लोगों का बहिष्कार किया था। इस संबंध में कांग्रेस का एक पत्र भी वायरल हो रहा है। पत्र में बीजापुर के वर्तमान जिला अध्यक्ष लालू राठौर ने बीजापुर प्रेस क्लब अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा है कि बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर, ईश्वर सोनी, रंजन दास, चेतन कापेवर द्वारा विधायक विक्रम मंडावी के खिलाफ तथ्यहीन खबरें प्रकाशित-प्रसारित की जा रही है। इससे मंडावी की छवि खराब हो रही है। इसलिए जिला बीजापुर कांग्रेस कमेटी द्वारा उक्त चारों पत्रकारों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है।

Journalist Mukesh Chandrakar Murder: ऐसे रची साजिश

आरोपी रितेश चंद्राकर ने हत्या करने के बाद अपने बड़े भाई दिनेश चंद्राकर और सुरेश चंद्राकर को वारदात की जानकारी दी। इसके बाद बोदली की ओर रवाना हो गया। इधर, दिनेश चंद्राकर जगदलपुर से बोदली पहुंचा। रितेश चंद्राकर, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर ने घटना से सबंधित साक्ष्यों को मिटाने के लिए साजिश रची। उसके बाद रितेश ने दिनेश को सेप्टीक टैंक को प्लास्टर करने की बात कही और निकल गया। इसके बाद भाई ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के वाहन से रायपुर के लिए रवाना हो गया। 2 जनवरी की शाम को रायपुर से नई दिल्ली चला गया। वहां से जब लौटा तो रायपुर से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।

परिजनों के लिए प्रियंका गांधी ने की मुआवजे की मांग

वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पत्रकार की हत्या की निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, बस्तर, छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार स्तब्ध करने वाला है। खबरों के मुताबिक, मुकेश ने अपनी रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था जिसके बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। मेरी राज्य सरकार से मांग है कि इस मामले में सख्त और त्वरित कार्रवाई हो, दोषियों को कड़ी सजा मिले और दिवंगत के परिजनों को उचित मुआवजा एवं नौकरी पर विचार किया जाए। विनम्र श्रद्धांजलि।

क्या है मामला?

मालूम हो कि 1 जनवरी को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने मुकेश को जगह पर बुलाया था। इसके बाद से मुकेश का फोन बंद था। बीजापुर पुलिस को मुकेश का शव सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। बस्तर में ठेकेदार लॉबी का बड़ा दबदबा है। आरोप है कि ठेकेदार सरकारी अधिकारियों को घूस देकर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स हासिल करते हैं। इन गतिविधियों को उजागर करने वाले पत्रकारों को धमकियां और खतरों का सामना करना पड़ता है। इस संदिग्ध मौत ने बस्तर में मीडिया और ठेकेदार लॉबी के बीच तनावपूर्ण संबंधों को उजागर किया है।