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पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में रितेश चंद्राकर समेत 4 आरोपी गिरफ्तार, विदेश भागने की थी तैयारी

Bijapur Journalist Murder: बीजापुर पुलिस ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में मुख्य आरोपी रितेश चंद्राकर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पत्रकार हत्याकांड में अन्य आरोपियों के शामिल होने की भी आशंका है।

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Journalist Mukesh Chandrakar Murder Case

Journalist Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ के बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी रितेश चंद्राकर समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्त में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बता दें कि पुलिस ने मुख्य आरोपी ठेकेदार का भाई सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से दबोचा है। आरोपी सुरेश विदेश भागने की तैयारी में था।

पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, पत्रकार हत्याकांड में अन्य आरोपियों के शामिल होने की भी आशंका है। फिलहाल, पकड़े गए सभी आरोपियों से पुछताछ जारी है।

राजनीतिक सियासत शुरू

बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसके विरोध में बीजापुर बंद का ऐलान किया गया है। वहीं कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे को घेरने की कोशिश में लग गई है। दरअसल, पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए प्रदेश में जंगल राज बताते हुए कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार को घेरा। इस पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को करारा जवाब दिया है।

यह भी पढ़े: भ्रष्टाचार उजागर करने पर पत्रकार की हत्या, आरोपी सुरेश चंद्राकर निकला दीपक बैज का खास आदमी, BJP ने किया ट्वीट

कांग्रेस ने किया ट्वीट

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा है कि छत्तीसगढ़ में BJP का जंगलराज है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने सड़क में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। इसके बाद से सड़क बनवाने वाला ठेकेदार नाराज था। ठेकेदार ने मुकेश को बुलाया और उन्हें मारकर लाश को अपने घर की सैप्टिक टैंक में चुनवा दिया। BJP के जंगलराज में कोई भी सुरक्षित नहीं है। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है।

बीजेपी ने दिया करारा जवाब

X पर BJP छत्तीसगढ़ के पेज से कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की गई है। भाजपा ने लिखा कि, कांट्रेक्टर है या कांग्रेसी कॉन्ट्रैक्ट किलर ? मुकेश की हत्या का मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर की PCC चीफ दीपक बैज से घनिष्ठता जगजाहिर है। बैज ने ही उसे SC मोर्चा के प्रदेश सचिव के पद से नवाजा है।

अब तो यह स्पष्ट है, अरुण साव भ्रष्ट है: पूर्व CM बघेल

मैंने सोचा था कि स्व. मुकेश चंद्राकर जी के मामले में न्याय मिलने तक इस पर राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए, लेकिन भाजपा नेताओं के हद से अधिक गिर जाने पर मुझे कहना पड़ेगा कि…प्रदेश के उपमुख्यमंत्री‌ अरुण साव, जिनके पास ही PWD विभाग भी है, इतने ताकतवर हो गए हैं कि:

  1. उनके PWD विभाग में हुए बड़े सड़क घोटाले को जब पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया
  2. इसी PWD विभाग में जब आचार संहिता के दौरान पुल निर्माण का मामला विधानसभा में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक कवासी लखमा द्वारा उठाया गया तो दस दिन बाद उनके घर ED भेज दी गई।

Journalist Mukesh Chandrakar Murder Case: धरने पर बैठे पत्रकार

दूसरी ओर इस घटना को लेकर पत्रकारों में काफी गुस्सा है और उन्होंने नेशनल हाईवे जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया है। पत्रकारों ने मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही वे पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग पर अड़े हैं।

अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा: साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इस घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने के निर्देश हमने दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मुकेश जी का जाना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

कांग्रेस नेता सुरेश मूलरूप से बासागुड़ा का रहने वाला है। मगर सलवा जुड़ूम आंदोलन के बाद उसका परिवार बीजापुर में रहने लगा। यहां सुरेश ने ठेकेदारी का काम शुरू किया। देखते ही देखते वह बड़ा ठेकेदार बन गया। 2021 में हेलीकॉप्टर से बरात ले जाने पर वह चर्चा में आया था। यह बात भी सामने आ रही है कि मुकेश और सुरेश आपस में रिश्तेदार थे।

कांग्रेस नेता एवं ठेकेदार सुरेश ने कुछ दिन पहले ही गंगालूर रोड का निर्माण कराया था। मगर इसमें हुए भ्रष्टाचार को मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया था। मुकेश की रिपोर्ट के बाद ही प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की। कहा जा रहा है कि सुरेश इसी वजह से पत्रकार मुकेश से खफा था।

Journalist Mukesh Chandrakar Murder Case: भाई ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट

दरअसल, 1 जनवरी 2025 को शाम 7 बजे से मुकेश चंद्राकर घर से लापता हुए थे। अगले दिन 2 जनवरी को उनके भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस लगातार मुकेश के फोन को ट्रेस कर रही थी। फोन बंद होने की वजह से अंतिम लोकेशन घर के आस-पास का ही दिखा रहा था। इस दौरान CCTV फुटेज भी खंगाले गए, जिसमें अंतिम बार मुकेश टी-शर्ट और शॉर्ट्स में दिखे। वहीं Gmail लोकेशन के माध्यम से लोकेशन ट्रेस किया गया, जिसमें मुकेश का अंतिम लोकेशन बीजापुर जिला मुख्यालय के चट्टानपारा में होना पाया गया।

वारदात ने सभी पत्रकारों को अंदर से झकझोर दिया

इस दौरान पत्रकारों ने जब नई कांक्रीट को देखा तो शक गहराया। इसके बाद पुलिस ने उस सेप्टिक टैंक को जेसीबी से तोड़ा तो सभी पत्रकार सहम गए। शव को सेप्टिक टैंक से निकला गया। शव पर आधा दर्जन से अधिक वार धारदार हथियार से किए मिले। इस वारदात ने सभी पत्रकारों को अंदर से झकझोर दिया है।

जानिए कौन थे मुकेश चंद्राकर?

मुकेश चंद्राकर, जो बस्तर और नक्सलवाद से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग करते थे, ‘बस्तर जंक्शन’ नामक यूट्यूब चैनल के मालिक थे। वह अक्सर नक्सलियों के साथ उनकी बैठकों और जन अदालतों की रिपोर्टिंग करते हुए वीडियोज यूट्यूब पर अपलोड करते थे। उनका यह चैनल बहुत ही लोकप्रिय था।

मुकेश चंद्राकर का दावा था कि वह इस चैनल के माध्यम से बस्तर और बस्तरवासियों की सच्चाई को लोगों के सामने लाते थे। इसके अलावा, मुकेश चंद्राकर की एक और महत्वपूर्ण भूमिका तब उजागर हुई थी, जब उन्होंने नक्सलियों के कब्जे से एक जवान को मुक्त कराया था।