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बाद में ग्रामीणों को तर्रेम बुलाया गया लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया। अफसरों एव आदिवासी समाज के नेताओं की समझाइश पर ग्रामीण तर्रेम से तीन किमी दूर सड़क पर पुलिया निर्माण स्थल पर पहुंचे। वहीं पर ही दोनों पक्षों ने सड़क में 100 मीटर की दूरी पर खड़े-खड़े करीब एक घंटे तक बात की। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगे बताईं। सांसद के प्रस्ताव पर ग्रामीणों ने विचार कर एक-दो दिनों पर जवाब देने की बात कही है। मौसम खराब होने के बावजूद सभी प्रतिनिधि बरसते पानी में सड़क मार्ग से तर्रेम पहुंचे थे।ये हैं प्रमुख मांगे
सिलगेर कैम्प हटाया जाए, गोलीकांड के दोषियों को दंडित किया जाय, कैम्प की जमीन जिस ग्रामीण की उसे वापस किया जाए, विकासकार्यो के लिए कमेटी बनाई जाए, उसकी अनुशसा पर ही काम किए जांए, जांच का नतीजा क्या हुआ वह उन्हें बताया जाए।
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दो विधायक नहीं पहुंचे
राज्य शासन के निर्देश पर बनी 9 सदस्यीय कमेटी में एक सांसद व आठ विधायक शामिल किए गए थे, इनमे दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा और अंतागढ़ के अनूप नाग नहीं पहुंचे थे। लखेश्वर बघेल, विक्रम मंडावी,राजमन बेंजाम संत कुमार नेताम, शिशुपाल सोरी,चंदन कश्यप आदि सांसद बैज के नेतृत्व में तर्रेम पहुंचे। इस मौके पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी, बस्तर कमिश्नर, बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल,सुकमा कलेक्टर नन्दनवार, बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप भी मौजूद थे।