
बिजनौर में बाढ़ से उफना रही नदी में फंसे 18 मजदूरों को प्रशासन ने सुरक्षित निकाला
बिजनौर. पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा किनारे बसा उत्तर प्रदेश का बिजनौर शहर इन दिनों भयंकर बाढ़ की चपेट में है। हालात ये है कि यहां हर दिन वाहनों या फिर लोगों के डूबने या फिर तेज बहाव में फंसने की खबर लगातार आ रही है। ताजा मामला सुखरों नदी का है। यूपी उत्तराखंड की सीमा से सटे सुखरो नदी के किनारे 18 मज़दूर तेज पानी की लहरों के बीच फंस गए। घटना की सूचना मिलते ही अनन-फनन में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क़्यू ऑपरेशन चलाकर इन सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
बिजनौर डीएम अटल रॉय ने बताया कि ये सभी मजदूर रोज़ाना मजदूरी के लिए नदी पार करके जंगल जाते हैं। लेकिन अचानक से पानी आने के कारण ये दूसरे छोर पर फंस गए। तेज पानी के बहाव के चलते सभी 18 मजदूर वहां फंस गये। ये सभी मजदूर बढ़ता पानी देख मौत और जिंदगी से संघर्ष करने लगे। इसी बीच जैसे ही एसडीएम नजीबाबाद को घटना की सूचना मिली तो वह खुद सूखरो नदी पर पहुंचे और रस्सी के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन कर सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला। मौके पर डीएम अटल रॉय और एसपी उमेश कुमार सिंह भी पहुंच गये हैं। नदी में फंसे सभी मजदूरों को सकुशल उनके परीजनों तक पहुंचाया गया।
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से जहां लोगों का जीना मुहाल है। वहीं, जनपद बिजनौर की गंगा नदी के साथ ही सहायक नदियां मालन, नाचन और अन्य नदियों ने जनपद की कई जगहों पर अपना कहर बरपा रखा है। जहां एक तरफ नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी गंगा से सटे मकानों को खाली कराके लोगों को सुरक्षित जगह जाने के लिये कह रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ किसानों की फसल इस बाढ़ के पानी में समा गई है। बाढ़ के इस पानी से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बिजनौर के बढ़ापुर नगीना मार्ग पर पानी आ जाने से अब राहगीरों को सड़क से गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर हैं। पानी का बहाव सड़क पर इतना तेज है कि कोई भी बड़ा हादसा किसी भी समय हो सकता है। लगातार बढ़ रहे पानी से जनपद बिजनौर के कई जगहों पर बाढ़ के हालात बने हुए हैं। गंगा किनारे बसे ग्रामीण अपना घर और खेती छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं। पशुओं के चारे के लिए किसानों को कड़ी मसक्कत करनी पड़ रही है। पशुओं का चारा पानी मे डूबा हुआ है। अगर जल्द ही पहाड़ों पर हो रही बारिश नहीं रुकी तो जनपद के और जगहों पर गंगा अपना कटान शुरू कर देगी।
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गौरतलब है कि नाव पलटने से शुक्रवार को गंगा नदी में 27 लोग बह गए थे। हादसे के वक्त नाव में कुल 27 लोग सवार थे, जिनमें से 17 लोगों को बमुश्किल बचा लिया गया। अभी तक 2 महिलाओं की लाश बरामद हुई है। वहीं, 8 लोग अब भी लापता बताये जा रहे है। हालांकि, इस हादसे के बाद प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है। शनिवार की शाम से एनडीआरएफ की टीम और पीएसी सहित लोकल पुलिस लापता लोगों की तलाश कर रही है। वहीं, रविवार को वायु सेना के हेलिकाप्टर से डीएम और एसपी ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया और लापता लोगों की तलाश भी की, लेकिन प्रशासन को कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इससे पहले यहां एक तेल का टैंकर भी दो लोगों के साथ नदी में बह गया।
Published on:
26 Aug 2018 03:29 pm
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