
बिजनौर. कैराना और नूरपुर में जहां उपचुनाव का शंखनाद हो चुका है, वहीं बिजनौर तीन हिन्दू परिवारों ने एक गांव से पलायन का मामला सुर्खियों में है। दरअसल, गांव गारबपुर में बूढ़े बाबा के देवस्थल पर लाउडस्पीकर लगाने को लेकर चल रहे विवाद प्रकरण में मंगलवार को हिंदू पक्ष के तीन परिवारों ने गांव से पलायन कर लिया। पलायन के दौरान उन्होंने पुलिस-प्रशासन व भाजपा नेताओं पर अनदेखी का आरोप भी लगाया है।
बता दें कि बिजनौर के गांव गारबपुर में स्थित बूढ़े बाबा के मंदिर और मस्जिद से 29 अप्रैल को पुलिस ने लाउडस्पीकर उतरवा दिए थे, लेकिन बाद में मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगवा दिए गए। इस दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मस्जिद पर बिना अनुमति के ही लाउडस्पीकर लगवा दिए, लेकिन मंदिर पर नहीं लगाने दिया गया। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने खुद ही एक सप्ताह पहले लाउडस्पीकर लगा दिए। शिकायत मिलते ही पुलिस ने फिर से लाउडस्पीकर को हटा दिया। इससे गुस्साए हिंदू पक्ष के लोगों ने एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए गांव से पलायन करने की चेतावनी दी तो एडीएम प्रशासन विनोद गौड़ व एसपी देहात विश्वजीत सिंह श्रीवास्तव ने गांव पहुंचकर एक कमेटी का गठन किया। और ग्रामीणों को गांव नहीं छोड़ने की अपील करते हुए तीन दिन में समस्या को सुलझाने का आश्वासन दिया।
जब दिए गए समय पर समस्या हल नहीं हुए तो मंगलवार को भोगेंद्र सिंह, मान सिंह व अजयपाल सिंह अपने पशु व खाने पीने का सामान लेकर गांव से पलायन कर गए। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि लाउडस्पीकर की अनुमति किसी के पास भी नहीं है। इसके बावजूद विशेष संप्रदाय के धार्मिकस्थल पर लाउडस्पीकर बज रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने सिर्फ आश्वासन दिया है। इस मामले में थाना प्रभारी पंकज तोमर ने बताया कि इस संबंध में बातचीत की जा रही है। जल्द ही समस्या हल हो जाएगी। इस मामले नगीना लोकसभा सीट से सांसद यशवंत सिंह का कहना है कि पुलिस-प्रशासन के अलावा ग्रामीणों से बात हुई है। दोनों पक्षों के लाउडस्पीकर लगवाने की बात कही गई थी। यदि इस पर राजी नहीं तो दोनों ही स्थानों पर नहीं लगेंगे।
Published on:
09 May 2018 11:41 am
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