Leopard Attack on Child in Bijnor: बिजनौर के मंडोरी गांव में 11 साल की बच्ची को तेंदुआ घर के पास से उठाकर ले गया। अगली सुबह उसका क्षत-विक्षत शव गन्ने के खेत में मिला।
Leopard devoured 11 year old innocent child in bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। नहटौर थाना क्षेत्र के मंडोरी गांव में एक 11 साल की बच्ची को तेंदुआ (गुलदार) घर के सामने से उठाकर ले गया। बच्ची का शव अगले दिन सुबह खेत में क्षत-विक्षत हालत में मिला। शव देखकर परिजन और ग्रामीण स्तब्ध रह गए। मासूम के शरीर के अंग खेत में बिखरे हुए थे, पेट का मांस गायब था, धड़ और हाथ अलग मिले।
घटना बुधवार शाम करीब 7:30 बजे की है। मंडोरी गांव निवासी मजदूर रवि कुमार की बड़ी बेटी कनिका (11) गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में कक्षा-6 की छात्रा थी। कनिका घर के सामने शौच के लिए खेत में गई थी। काफी देर तक नहीं लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। खेत में खून के धब्बे और तेंदुए के पंजों के निशान देख ग्रामीणों को सूचना दी गई।
वन विभाग की टीम और सैकड़ों ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर रातभर जंगल और खेतों में बच्ची की तलाश करते रहे, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।
गुरुवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे जब परिजन 500 मीटर दूर गन्ने के खेत में पहुंचे तो वहां का दृश्य देख सब सन्न रह गए। कनिका का शव क्षत-विक्षत हालत में पड़ा था। शरीर के कई अंग गायब थे, पेट का मांस नोंचा हुआ था, कमर की त्वचा उधेड़ी गई थी। सिर और हाथ अलग पड़े मिले। बच्ची की मां रो-रोकर बेहोश हो गई।
बच्ची की दर्दनाक मौत से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों ने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि विभाग की लापरवाही से मासूम की जान गई है। मौके पर एसडीएम रितु रानी और सीओ धामपुर अभय कुमार पांडे पहुंचे और लोगों को शांत कराया। अधिकारियों के आश्वासन के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए।
ग्रामीणों के विरोध के बाद वन विभाग ने इलाके में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। ग्राम प्रधान महेश कुमार ने कहा कि तेंदुआ कई दिनों से इलाके में सक्रिय था, लेकिन विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। यदि समय रहते कदम उठाए गए होते, तो मासूम की जान बच सकती थी।
बिजनौर में तेंदुए का यह कोई पहला हमला नहीं है। जानकारी के अनुसार, बीते 25 दिनों में तेंदुए ने दो बच्चों की जान ले ली है। जबकि पिछले चार वर्षों में तेंदुए के हमले में 29 लोगों की जान जा चुकी है।
21 दिन पहले मंडावर थाना क्षेत्र में तेंदुए ने ढाई साल के मासूम मयंक को उस वक्त उठा लिया था जब वह अपने पिता के साथ खेत में था। ग्रामीणों ने शोर मचाकर उसे छुड़ाया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
बच्ची के परिजनों ने मांग की है कि तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और वन विभाग की लापरवाही की जांच हो। साथ ही पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।