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पिता करते हैं खेती और बेटा पहुंच गया परमाणु विभाग तक, अब मिला ऐसा सम्मान किया देशभर में हो गया नाम

locationबिजनोरPublished: Nov 02, 2019 04:52:24 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-Mayank Chaudhary को Young Engineer Award से सम्मानित किया गया है
-ये सम्मान 35 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिकों को दिया जाता है
-मयंक को 30 अक्टूबर को मुंबई के Bhabha Atomic Research Centre में सम्मानित किया गया

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बिजनौर। एक किसान के बेटे ने गांव ही नहीं, पूरे जनपद का नाम रोशन किया है। कारण, बिजनौर के रहने वाले मयंक चौधरी (Mayank Chaudhary) को यंग इंजीनियर अवार्ड (Young Engineer Award) से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान 35 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिकों को दिया जाता है। मयंक चौधरी को 30 अक्टूबर को मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (Bhabha Atomic Research Centre) में यंग इंजीनियर आवर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान एटोमिक एंर्जी कमीशन (Atomic Energy Commission) के चेयरमैन कमलेश नीलकंठ व्यास एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC) के पूर्व डायरेक्टर डा. एएन प्रसाद द्वारा दिया गया।
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मयंक हल्दौर ब्लाक के ग्राम बधावा के रहने वाले हैं। उनके पिता हरवीर सिंह किसान हैं।मयंक ने अपनी दसवीं तक की शिक्षा जनपद के सेंटमेरी स्कूल और 12वीं तक की पढ़ाई डीडीपीएस बिजनौर से पूरी की है। आगे की पढ़ाई के लिए वह मुरादाबाद चले गए। जहां से उन्होंने बीटेक की और एमटेक की शिक्षा उन्होंने होमी भाभा इंस्टीट्यूट मुंबई से प्राप्त की।
गेट की परीक्षा पास कर परमाणु विभाग में हुए चयन

बता दें कि मयंक ने 2009 में गेट की परीक्षा पास की और उसमें अच्छी रैंक प्राप्त होने पर परमाणु विभाग ने इंटरव्यू के लिए उन्हें आमांत्रित किया। 2009 में उनका चयन परमाणु ऊर्जा विभाग में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर भारी पानी सयंत्र में मनुगुरु तेलांगाना में हुआ।
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परिवार को दिया सफलता का श्रेय

मयंक चौधरी ने बताया कि 30 अक्टूबर को डॉ. होमी जहांगीर भाभा की 110वीं जयंती पर आयोजित फाउंडर्स-डे कार्यक्रम में उन्हें यंग इंजीनियर अवार्ड से नवाजा गया है। सम्मान में गोल्ड मेडल, पचास हजार रुपये की धनराशि एवं प्रशस्ति प्रमाण पत्र मिला। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता राजेश चौधरी, पिता हरवीर सिंह, दादा चौधरी नंदकिशोर सिंह व दादी ओमवती देवी एवं गुरुजनों को दिया।
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