
नूरपुर उपचुनाव: दलित वोटर गए इस पार्टी कर ओर, इनको मिल सकती है जीत
बिजनौर। जिले की नूरपुर विधानसभा सीट पर सोमवार को हुए मतदान के बाद अब जीत और हार की गणित लगनी शुरू हो गई है। नूरपुर उपचुनाव में कुछ जगहों पर रात 8 बजे तक मतदान हुआ। ईवीएम और खराबी और आरोप-प्रत्यारोंपाें के बीच उपचुनाव में यहां 62.78 फीसदी वोटिंग हुई। फिलहाल नूरपुर में दोबारा मतदान होने की संभावना नहीं है। ऐसे में प्रत्याशी और जनता अब यहां से भावी विधायक के कयास लगाने लगी है।
शाम 6 बजे के बाद एंट्री बंद
नूरपुर में सोमवार को मतदान 6 बजे बंद हो गया था। मतदाताओं ने करीब 44 डिग्री तामपान में घर से निकलकर मतदान किया। यहां मुख्य मुकाबला सपा प्रत्याशी नईमुल हसन और भाजपा उम्मीदवार अवनि सिंह के बीच है। दोनों ही सोमवार को मतदान स्थलों पर पहुंचकर वोटिंग का जायजा लेते रहे। अब 31 मई को इस सीट के प्रत्याशी की जीत के लिए मतगणना होनी है।
मुस्लिम मतदाता ज्यादा निकले
चर्चा है कि इस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने काफी संख्या में घर से निकलकर रोजे के दिन मतदान देने का काम किया है जबकि हिंदू मतदाता मतदान स्थलों पर कम देखने को मिला है। वहीं, बताया जा रहा है कि बसपा का परंपरागत वोट भी बंधकर नहीं रहा। दलित वोट भी बंटता दिख रहा है।
दलित वोट बंटने की चर्चा
भाजपा के लिए राहत की खबर यह है कि ये वोट पार्टी प्रत्याशी अवनि सिंह की तरफ भी झुकता दिखा है। चर्चा है कि भाजपा उम्मीदवार ने इन वोटों में जमकर सेंध लगाई। हालांकि, बसपा प्रत्याशी न होने के कारण यह सपा की तरफ ज्यादा गया है। बसपा के मैदान में न होने से मतदान में दलित वोटों का बिखराव देखने को मिला है। शहरी क्षेत्र में दलित वोट सपा के पक्ष में ज्यादा जाता दिखाई दिया जबकि ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा इसे अपनी तरफ करने में सफल दिखी।
नईमुल को रालोद का समर्थन भी
वहीं, नईमुल हसन को रालोद के समर्थन का भी फायदा होता दिख रहा है। कुछ जाट वोटरों का झुकाव सपा की ओर देखा गया है। इस तरह से देखा जाए तो पलड़ा सपा प्रत्याशी नईमुल हसन की तरफ झुकता दिख रहा है। वैसे माना जा रहा है कि मुकाबला कांटे का रहा और जीत-हार का मार्जिन ज्यादा बड़ा नहीं होगा।
Updated on:
29 May 2018 01:18 pm
Published on:
29 May 2018 10:21 am
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