
बिजनौर। जनपद के कलक्ट्रेट आफ़िश में कल जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव के दौरान कल जिला पंचायत सदस्यों द्वारा वोटिंग की जाएगी। इस चुनाव के लिये 12 मार्च को पर्चा दाखिल किया गया। पर्चा दाखिल के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष के दो गुटों में मारपीट भी हो गयी थी। मारपीट की वजह एक समर्थक ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कराया था। इस नामांकन को लेकर साकेन्द्र पक्ष के समर्थकों ने मोनिका पक्ष के समर्थकों के साथ जमकर सड़क पर पुलिस के सामने ही मारपीट कर डाली थी।
इस मारपीट के बाद मोनिका और उसके पति ने साकेन्द्र को सपोर्ट करने की बात कहते हुए 15 मार्च को नाम वापसी प्रक्रिया में नाम वापसी की बात कही थी। लेकिन 15 मार्च को मोनिका ने नाम वापसी न लेकर राजनीति गलियारे में सनसनी फैला दी थी। इस कुर्सी को लेकर अब कल कलक्ट्रेट सभागार में कल वोटिंग होनी है। इस उपचुनाव की गहमा गहमी को लेकर जिला प्रशासन ने कल की पूरी तैयारी कर ली है। एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि सोमवार को जिला पंचायत सदस्यों के अलावा कोई अभी अन्य व्यक्ति कलक्ट्रेट में प्रवेश नहीं करेगा। साथ ही इस चुनाव को लेकर कलक्ट्रेट और आस-पास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
हम आपको बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 12 मार्च को नामांकन किये जा रहे थे। सबसे पहले नामांकन निर्दलीय साकेन्द्र प्रताप ने कराया था। उसके बाद मोनिका सिंह ने भी निर्दलीय नामांकन कराया था। मोनिका पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे उदयनवीरा के साथ नामांकन कराने पहुंची थी।
उधर ये बात साकेन्द्र गुट के समर्थको को अच्छी नहीं लगी और साकेन्द्र समर्थको ने उदयनवीरा के समर्थक छत्रपाल सेक्रेटरी के साथ मारपीट की थी। लेकिन उसी दिन कुछ ही समय के बाद मोनिका ने प्रेस वार्ता कर अपहरण की सूचना को गलत बता दिया और अपने अपहरण की बात को झुठला दिया। साथ ही इस उप चुनाव को लेकर मोनिका ने 12 मार्च को बयान दिया था कि वो साकेन्द्र के पक्ष में रहेगी और 15 मार्च को अपना नाम वापसी ले लेगी।
लेकिन मोनिका ने 15 मार्च को नाम वापसी न लेकर इस उप चुनाव में गर्माहट ला दी है। इस चुनाव में 56 जिला पंचायत सदस्य में से 29 सदस्यों का जो भी वोट इन दोनों प्रत्याशियों में से मिलेगा वो पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा। हम आपको बता दें कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बिजनौर जनपद में पूर्व सपा विधायक रुचि वीरा के पति उदयन वीरा जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से अविश्वास प्रस्ताव के बाद नवंबर 2017 में हटा दिया गया था।
जिला पंचायत सदस्यों ने उदयन वीरा के उत्पीड़न से परेशान होकर अविश्वास प्रस्ताव लाकर उदयनवीरा को इस कुर्सी से हटा दिया था। उधर इस कुर्सी को लेकर काफी समय से जनपद बिजनौर में उदयनवीरा गुट और साकेन्द्र चौधरी गुट में काफी दिनों से कहा सुनी भी होती चली आ रही थी। बिजनौर में 19 मार्च को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर 2 लोगों ने पर्चा दाखिल किया है।
Updated on:
19 Mar 2018 02:38 pm
Published on:
19 Mar 2018 02:25 pm
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