शादी में ढोल नगाड़ों की धुन पर नाच रहे थे लोग, फिर हुआ कुछ ऐसा…
क्या है मामला ?
दरअसल पूरा मामला आज से ठीक 36 साल पहले साल 1981 का है। जब तत्कालीन सरकार के अफसरों ने बिजनौर जिले के 4 परिवारों के साथ ऐसा मजाक किया । जिसका खामियाजा आज उन्हीं परिवारों के 64 सदस्यों को भुगतना पड़ रहा है । बता दें कि तत्कालीन सरकार ने जिले के धामपुर तहसील के हकीमपुर नारायण उर्फ नंगला गाव के रहने वाले यशवंत सिंह ,बलराम सिंह ,हरपाल सिंह,और भगवाना सिंह को सरकारी पट्टे जारी किए थे । लेकिन अफसरों ने इन चारों गरीबों को 1981 में तालाब की जमीन पर 100 – 100 गज के पट्टे जारी कर दिए । ये बात इन गरीबों को पता तक नहीं चली। वहीं जिस जमींन को 36 साल पहले सरकार ने इनको दिया था। आज योगिराज ने इन गरीबों के आशियानों पर कोर्ट के आदेश के बाद जेसीबी चलाकर इनको बेघर कर दिया। इन चारों परिवारों के 36 साल बाद 64 सदस्य है । इन सभी चारों परिवारों ने 36 साल पहले पट्टे की भूमि पर मकान बनाकर रहना शुरू कर दिया था और आज इतने सालों बाद गांव के ही रामेन्द्र की शिकायत पर हाईकोर्ट के आदेश पर इन मकानों पर जेसीबी मशीन चलाकर मकानों को गिरा दिया है ।उधर अधिकारियों ने कोर्ट का हवाला देते हुए सभी घरों को धराशाई करने की बात कही।
क्या है मामला ?
दरअसल पूरा मामला आज से ठीक 36 साल पहले साल 1981 का है। जब तत्कालीन सरकार के अफसरों ने बिजनौर जिले के 4 परिवारों के साथ ऐसा मजाक किया । जिसका खामियाजा आज उन्हीं परिवारों के 64 सदस्यों को भुगतना पड़ रहा है । बता दें कि तत्कालीन सरकार ने जिले के धामपुर तहसील के हकीमपुर नारायण उर्फ नंगला गाव के रहने वाले यशवंत सिंह ,बलराम सिंह ,हरपाल सिंह,और भगवाना सिंह को सरकारी पट्टे जारी किए थे । लेकिन अफसरों ने इन चारों गरीबों को 1981 में तालाब की जमीन पर 100 – 100 गज के पट्टे जारी कर दिए । ये बात इन गरीबों को पता तक नहीं चली। वहीं जिस जमींन को 36 साल पहले सरकार ने इनको दिया था। आज योगिराज ने इन गरीबों के आशियानों पर कोर्ट के आदेश के बाद जेसीबी चलाकर इनको बेघर कर दिया। इन चारों परिवारों के 36 साल बाद 64 सदस्य है । इन सभी चारों परिवारों ने 36 साल पहले पट्टे की भूमि पर मकान बनाकर रहना शुरू कर दिया था और आज इतने सालों बाद गांव के ही रामेन्द्र की शिकायत पर हाईकोर्ट के आदेश पर इन मकानों पर जेसीबी मशीन चलाकर मकानों को गिरा दिया है ।उधर अधिकारियों ने कोर्ट का हवाला देते हुए सभी घरों को धराशाई करने की बात कही।
इतने रुपये लेकर बसों की एंट्री करा रहा रोडवेज का ये रिश्वतखोर अधिकारी- देखें वीडियो
गरीबों के साथ ये कैसा मजाक ?
बहरहाल अब पीड़ित करण सिंह सहित भगवान सिंह और बलराम का आरोप है कि गरीबों को तत्कालीन सरकार ने पट्टे जारी किए थे। तो क्या उस समय के अफसरों को नहीं पता था कि ये जमीन तालाब की है और इस जमीन पर नियमों के मुताबिक पट्टे नहीं दिए जा सकते है। तो फिर गरीबों के साथ तत्कालीन सरकार ने भद्दा मजाक क्यों किया । फिलहाल तस्वीर ये है कि सरकार के इस मजाक के बाद आज 36 साल बाद कोर्ट के एक आदेश ने इन लोगों को बेघर कर रोड पर लाकर खड़ा कर दिया है।
गरीबों के साथ ये कैसा मजाक ?
बहरहाल अब पीड़ित करण सिंह सहित भगवान सिंह और बलराम का आरोप है कि गरीबों को तत्कालीन सरकार ने पट्टे जारी किए थे। तो क्या उस समय के अफसरों को नहीं पता था कि ये जमीन तालाब की है और इस जमीन पर नियमों के मुताबिक पट्टे नहीं दिए जा सकते है। तो फिर गरीबों के साथ तत्कालीन सरकार ने भद्दा मजाक क्यों किया । फिलहाल तस्वीर ये है कि सरकार के इस मजाक के बाद आज 36 साल बाद कोर्ट के एक आदेश ने इन लोगों को बेघर कर रोड पर लाकर खड़ा कर दिया है।