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अ​भिषेक-पूजन के चले दौर, हर-हर महादेव से गूंजे ​शिवालय

सावन मास के अंतिम दिन व सोमवार पर ​शिवालयों में अ​भिषेक-पूजन के दौर चले। सुबह से रात तक ​शिवालय हर-हर महादेव के जयकारों और रूद्राष्टध्यायी पाठ के मंत्रों से गूंजते रहे। सावन के पहले दिन से प्रारंभ हुए व्रत, पूजन और अनुष्ठानों की पूर्णाहुति हुई।

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बीकानेर.

हर-हर महादेव, बम-बम भोले और जय शंकर सरीखे जयकारों की गूंज से शिवालय गुंजायमान रहे। सावन मास के अंतिम सोमवार पर सुबह से रात तक शिवालयों में रूद्राभिषेक-पूजन के दौर चले। शिव भक्तों ने देवाधिदेव महादेव का जल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, शर्करा, विजया, ईख रस इत्यादि द्रव्यों से अभिषेक कर पूजन किया। भगवान शिव का आक, धतूरा, भस्म और विभिन्न प्रकार के पुष्पों से श्रृंगार किया गया। इस दौरान मंदिर रूद्राष्टध्यायी पाठ और शिव मंत्रों से गूंजते रहे। भजन, कीर्तन और सत्संग के आयोजन हुए। अनेक शिवालयों में रात्रि जागरण हुए। सावन के पहले दिन से चल रहे व्रत, पूजन और अनुष्ठानों की पूर्णाहुति हुई। इस दौरान धार्मिक कार्यक्रम हुए।अनेक शिव मंदिरों के समक्ष मेले सा माहौल रहा।

सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन-अनुष्ठान संपन्न

सावन के पहले दिन से प्रारंभ हुए सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण, पूजन और अभिषेक अनुष्ठानों की पूर्णाहुति सोमवार को हुई। अनुष्ठान स्थलों पर दिन भर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन हुए। शिव भक्तों ने सामूहिक रूप से पार्थिव शिवलिंगों का पूजन, अभिषेक कर महाआरती की।अनुष्ठान स्थलों पर वेद मंत्रों की गूंज रही। भजन-कीर्तन के आयोजन हुए। भारतीय संस्कृति व सनातन सार्वभोम महासभा,ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन,श्री विप्र महासभा,श्री दिव्य शिव शक्ति पीठ के तत्वावधान और पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच की अगुवाई में हुए सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन-अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। पूजित सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का विधि विधान से देवीकुण्ड सागर तालाब में विसर्जन किया गया।

मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

सावन मास के अंतिम सोमवार पर शहर के शिवालयों में अभिषेक, पूजन और दर्शनों के लिए श्रद्धालु उमड़े। शिवालय घंटियों की टंकार, झालर की झंकार और जयकारों की गूंज से गूंजते रहे। अनेक शिवालयों में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं को कतारों में लगना पड़ा। रात तक दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहा।

रूद्राभिषेक के चले दौर

सावन के अंतिम दिन शिवालयों में सुबह से रात तक पूजन-अभिषेक के दौर चले। इस दौरान धरणीधर महादेव, अमरेश्वर महादेव, महानंद महादेव,देवी कुण्ड सागर महादेव,लालेश्वर महादेव,बारह महादेव,गज गंगेश्वर महादेव, नाटेश्वर महादेव,सिद्धेश्वर महादेव,अचलेश्वर महादेव, हीरेश्वर महादेव,बारह ज्योर्तिलिंग महादेव,बनेश्वर महादेव, बिल्वेश्वर महादेव,पातालेश्वर महादेव,भूतनाथ महादेव,कसौटीनाथ महादेव,गोपेश्वर-भूतेश्वर महादेव,जंगलेश्वर महादेव,काशी विश्वनाथ महादेव,जनेश्वर महादेव,ब्रह्म महाकालेश्वर महादेव,गौरी शंकर महादेव,शिखरबंद महादेव,मुक्तिनाथ महादेव,रामेश्वर महादेव,जबरेश्वर महादेव, कर्णेश्वर महादेव,मानेश्वर महादेव,धनेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में रूद्राभिषेक-पूजन के दौर चले।

केसर से श्रृंगार, पंचामृत - गुलाब जल से रूद्राभिषेक

गोपेश्वर बस्ती स्तिथ गोपेश्वर भूतेश्वर महादेव मंदिर में गोपनाथ भगत मण्डल की ओर से केसर का शृंगार किया गया। शिव शक्ति साधना पीठ में ब्रह्मा कालेश्वर का पंचामृत से अभिषेक किया गया। पंडित संदीप किराडू व बसंत किराडू के नेतृत्व में एक माह से चल रहे अभिषेक-पूजन अनुष्ठान की पूर्णाहुति भी हुई। पशु चिकित्सालय के पीछे िस्थत जबरेश्वर महादेव का शिवभक्तों ने गुलाब जल से रूद्राभिषेक कर पूजन और आरती की। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन हुआ। करमीसर रोड िस्थत श्री काशी विश्वनाथ महादेव का कनू मण्डल की ओर से 51 किग्रा चीनी से अभिषेक किया गया। कन्हैया लाल रंगा के नेतृत्व मे पंडित लक्ष्मी कान्त छगाणी ने अभिषेक पूजन करवाया। अशोक पुरोहित के अनुसार बृजू पुरोहित, के के छगाणी, ईन्दु जोशी, किसन स्वामी, नन्द बाबा सेवग, पुजारी मुन्ना महाराज आदि भक्तो ने अभिषेक पूजन किया।