
एक्सप्रेस हाइवे पर 100 की रफ्तार से दौड़ेंगे वाहन, 200 किलोमीटर घटेगा सफर
दिनेश कुमार स्वामी
बीकानेर. अमृतसर-जामनगर इकोनोमिक कॉरिडोर के तहत पंजाब से गुजरात तक 1256 किलोमीटर लम्बे भारत माला एक्सप्रेस हाइवे का अस्सी फीसदी काम पूरा हो गया है। हाइवे अक्टूबर 2023 से पहले पूरा हो जाएगा लेकिन हनुमानगढ़ से जोधपुर तक के राजस्थान हिस्से को इस साल के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। इस हाइवे पर हल्के और मध्यम वाहन 100 की रफ्तार से तथा भारी वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। अमृतसर से कांदला पोर्ट तक करीब 200 किलोमीटर का सफर कम हो जाएगा। राजस्थान में यह हनुमानगढ़, बीकानेर और जोधपुर जिले से होकर गुजर रहा है। प्रदेश में करीब 630 किलोमीटर हिस्सा आया है।
बीकानेर जिले में नौरंगदेसर के पास बीकानेर-जयपुर नेशनल हाइवे 11 के ऊपर से एक्सप्रेस हाइवे गुजरेगा। इसके ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है। यहां पर जयपुर मार्ग के वाहनों के लिए इस एक्सप्रेस हाइवे पर प्रवेश और निकासी रिंग का निर्माण किया जा रहा है। जयपुर हाइवे से देशनोक तक 42 किलोमीटर हाइवे पूरी तरह तैयार हो चुका है। जिस पर कार-जीप जैसे वाहन चलने भी लगे है। हाइवे क्रॉसिंग बीकानेर से करीब 25 किलोमीटर पहले है। यानि जयपुर मार्ग से जोधपुर और देशनोक जाने वाले वाहनों को बीकानेर नहीं आना पड़ेगा। अभी जयपुर मार्ग से देशनोक तक करीब पच्चीस किलोमीटर की दूरी कम हो गई है।
पहले 120 और 90 किमी रफ्तार
इस 6 लेन एक्सप्रेस हाइवे के दोनों तरफ दीवार बनाई गई है। ताकि कोई पशु या जानवर सड़क पर नहीं आ सके। साथ ही हाइवे से बीच में कोई भी वाहन बाहर नहीं निकल सकेगा और ना ही प्रवेश होगा। सड़क धरातल से काफी ऊंचाई पर बनाई गई है। इसके दोनों तरफ लोहे के पोल और मजबूत चद्दर से भी कवर किया गया है। ताकि कोई वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे नहीं गिरे। पहले एक्सप्रेस हाइवे पर भारी वाहन बस-ट्रक-ट्रेलर के लिए अधिकतम रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटा और कार-जीप जैसे चौपहिया के 120 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार तय की गई थी। परन्तु हाइवे बनने के बाद राजस्थान के अधिक तापमान, आंधियां चलने और पंजाब व उत्तरी राजस्थान में सर्दियों में कोहरा रहने के चलते रफ्तार घटाकर 100 किलोमीटर कर दी गई है।
होटल, ढाबा और ट्रोमासेंटर
एक्सप्रेस हाइवे पर पचास-पचास किलोमीटर के अंतराल पर होटल, ढाबा, ट्रोमासेंटर, पेट्रोलपम्प और मोटर गेराज का ब्लॉक बनेगा। हाइवे से रिंग के माध्यम से इसे जोड़ा जाएगा। हाइवे पर चलने वाले वाहन इस ब्लॉक में ठहर सकेंगे। यह हाइवे की दीवार के भीतर होंगे। अमृतसर से कांदला पोर्ट तक कुल छह जगह ऐसे ब्लॉक बनेंगे।
यह होगा प्रदेश को फायदा
अभी पंजाब-हरियाणा से गुजरात का पूरा ट्रैफिक राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर जिले से होकर निकलने वाले नेशनल हाइवे पर आवागमन करता है। अमृतसर से जामनगर करीब 1450 किलोमीटर दूरी है। एक्सप्रेस हाइवे पर यह दूरी घटकर 1256 किलोमीटर रह जाएगी। राजस्थान के हिस्से में भी करीब सौ किलोमीटर दूरी घटेगी। सीकर, चूरू, झुंझुनूं, बीकानेर से जोधपुर, गुजरात आवागमन करने वालों को कम समय लगेगी। दूरी भी कम हो जाएगी। इधर जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर समेत पश्चिमी राजस्थान से हनुमानगढ़, अमृतसर और दिल्ली-हरियाणा के शहरों में आवागमन सुगम, कम दूरी वाला और आम हाइवे से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।
सीधे जा सकेंगे करणी माता मंदिर (Deshnok Karani mata Tempal)
बीकानेर से 29 किलोमीटर दूर देशनोक करणी माता मंदिर पर सालभर में लाखों लोग धोक लगाने आते है। अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस हाइवे देशनोक से होकर गुजरता है। ऐसे में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के चूरू, झुंझुनूं, सीकर आदि जिलों के लोग बीकानेर शहर होकर देशनोक जाने की जगह जयपुर मार्ग से सीधे एक्सप्रेस हाइवे होकर आवागमन कर सकेंगे। उधर गुजरात और जोधपुर से आने वाले लोगों को भी दूरी कम पड़ेगी।
पर्यावरण और जेब दोनों को फायदा
भारत माला सड़क परियोजना के तहत ग्रीन फील्ड अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस हाइवे को सबसे बड़ा फायदा राजस्थान को होगा। पंजाब और गुजरात के बीच की दूरी कम होने के साथ ही प्रदूषण में कमी आएगी। पहले से माल परिवहन और यात्रा करना सस्ता हो जाएगा। इसके बड़े हिस्से का काम पूरा हो गया है। साल 2023 की शुरुआत में इसे खोलना शुरू कर दिया जाएगा।
- अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय मंत्री
Published on:
03 Jul 2022 05:43 pm
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