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बड़ी-बड़ी कम्पनियां भी कर रही लॉकडाउन में टैक्स की चोरी

bikaner news - Big companies are also tax evasion in lockdown

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बड़ी-बड़ी कम्पनियां भी कर रही लॉकडाउन में टैक्स की चोरी

बड़ी-बड़ी कम्पनियां भी कर रही लॉकडाउन में टैक्स की चोरी

पन्द्रह लाख रुपए का पान-मसाला जब्त, चालक फर्जी दस्तावेज से कर रहा था माल का परिवहन
राज्य कर विभाग की कार्रवाई, 15 लाख रुपए जुर्माना वसूले जाने का अनुमान
बीकानेर.
करोड़ों रुपयों का सालाना कारोबार करने वाली बड़ी-बड़ी कम्पनियों ने भी लॉकडाउन में टैक्स चोरी के रास्ते को अपना लिया है। हाल ही में जब्त किए गए एक पान मसाले के ट्रक को देखकर तो यही कहा जा सकता है।

राज्य कर विभाग की ओर से जब्त किए गए एक पानमसाले का ट्रक सीधे जोधपुर स्थित पानमसाले की फैक्ट्री से बीकानेर भेेजा गया था। ट्रक चालक को पुराना ई-वे बिल और माल का बिल थमाकर मालिक ने रवाना तो कर दिया, लेकिन वह नोखा-चरकड़ा के पास पकड़ा गया। राज्यकर विभाग को मिली गुप्त सूचना के बाद ट्रक में भरे माल को विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। करीब पन्द्रह लाख रुपए के माल पर पन्द्रह लाख रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।


गोपनीय सूचना सही निकली
विभागीय अधिकारियों को फर्जी दस्तावेज से पानमसाले का परिवहन किए जाने की सूचना मिली तो उन्होंने अपना जाल राजमार्गों पर बिछा दिया। इस कार्य में उन्हें पुलिस प्रशासन का सहयोग भी लेना पड़ा। विभाग के संयुक्त आयुक्त देव कुमार के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई में विभागीय अधिकारियों ने ट्रक को नोखा-चरकड़ा के आस-पास जब्त किया था।


पुराने ई-वे बिल से कर रहा था परिवहन
राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जोधपुर से आ रहे इस ट्रक की जब गहनता से जांच की गई तो चालक के पास पुराना ई-वे बिल और पान-मसाले का बिल मिला। जबकि उस बिल की समयावधि भी पूरी हो चुकी थी। विभाग के सहायक आयुक्त राजकमल बिश्रोई ने बताया कि ट्रक को जब्त करने में राज्य कर अधिकारी दिपेश अग्रवाल और जिला पुलिस का भी खासा सहयोग रहा।


हनुमानगढ़ जाने वाला था ट्रक
विभागीय सूत्रों की मानें तो ट्रक चालक के पास जोधपुर से हनुमानगढ़ का ई-वे बिल मिला था। हालांकि विभागीय अधिकारियों को अंदेशा है कि पान मसाले की खेप बीकानेर या नोखा ही उतरनी थी। लेकिन उससे पहले ही माल को विभागीय अधिकारियों ने जब्त कर लिया। सूत्रों की मानें तो माल को छोडऩे के लिए विभिन्न पार्टियों के जनप्रतिनिधियों के भी फोन आए थे, लेकिन उनकी दाल राज्यकर विभाग के अधिकारियों के आगे नहीं गली।