
राजस्थान के इस शहर में दीपावली पर होता है आग का खेल बन्नाटी
कहते है आग से खेलना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है, लेकिन बीकानेर में दीपावली के अवसर पर युवाओं से बुजुर्ग तक न केवल आग से खेलते है बल्कि आग के साथ हैरत अंगेज प्रदर्शन भी करते है। रियासतकाल से बीकानेर में बन्नाटी खेल का आयोजन बारह गुवाड़ चौक में होता रहा है। बन्नाटी में करीब छह फीट की लकड़ी के दोनों ओर जलती हुई आग के बीच खिलाड़ी बन्नाटी को कभी सिर के ऊपर से तो कभी पांव के नीचे से, पीठ की ओर घुमाकर हैरत अंगेज प्रदर्शन करते है। इस दौरान पूरा चौक प्रांगण -बोलो वाह बन्नाटी वाह के स्वरों से गूंज उठता है।कुछ वर्षों पूर्व तक दीपावली के ही दिन बन्नाटी का प्रदर्शन होता था, अब दीपावली से एक दिन पहले इसका आयोजन हो रहा है।
एक शताब्दी से अधिक प्राचीन
बन्नाटी खेल के वरिष्ठ खिलाड़ी ईश्वर महाराज बताते है कि एक शताब्दी से भी अधिक प्राचीन बन्नाटी खेल परंपरा है। बारह गुवाड़ में शिवनाथा मारजा ने इसकी शुरुआत की थी। फागणिया मारजा ने इस खेल को आगे बढ़ाया। अनेक खिलाड़ी तैयार किए। इस खेल में दर्जनों खिलाड़ी तैयार हुए, जिन्होंने बन्नाटी प्रदर्शन में ऊंचाइया हासिल की।आज दर्जनों युवा खिलाड़ी इस साहसिक खेल प्रदर्शन से जुड़े हुए है।
बोलो वाह बन्नाटी वाह
रियासतकालीन परंपरा के तहत शनिवार को बारह गुवाड़ चौक में बन्नाटी खेल का प्रदर्शन हुआ। बन्नाटी खेल में युवाओं से बुजुर्गों तक ने लकड़ी के दोनों ओर जलती हुई आग से बन्नाटी के हैरत अंगेज प्रदर्शन किए। जबरेश्वर महादेव और पूर्व बन्नाटी खेलारों शिवनाथा मारजा व फागणिया मारजा के स्मरण के बाद बन्नाटी का प्रदर्शन हुआ। ईश्वर महाराज व इंद्र कुमार ओझा के सानिध्य में हुए बन्नाटी प्रदर्शन में सत्यनारायण ओझा, नवदीप छंगाणी, मुनेश, रौनक, अभिषेक छंगाणी, दिनेश ओझा, वासु,आनन्द, राहुल, प्रदीप, शरद, किशन, नेहा, मीनाक्षी सहित डेढ़ दर्जन से अधिक खिलाडि़यों ने बन्नाटी के साथ हैरत अंगेज प्रदर्शन किए। आठ बन्नाटियों के साथ खिलाडि़यों ने हैरत अंगेज और रोमांचक साहसिक प्रदर्शन किए। दौरान चौक प्रांगण बोलो वाह बन्नाटी वाह के स्वरों से गूंजते रहे। बन्नाटी खेल के हैरत अंगेज प्रदर्शन को देखने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद रहे।
Published on:
12 Nov 2023 08:53 am
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