
Bikaner Crime News : बीकानेर केन्द्रीय कारागार में गुरुवार को बंदियों के दो गुट आमने-सामने हो गए, जिनमें लात-घूंसे चले। झगड़े में एक बंदी घायल हुआ है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार शाम को हिस्ट्रीशीटर गोपाल जाखड़ के साथी रामस्वरूप निम्बडिया, विजय व अन्य बंदी खड़े थे। तभी दूसरे पक्ष के रमेश, उमेश व अन्य आए। देखते ही देखते लात-घूंसे चलने लगे। झगड़े में तीन-चार बंदियों के मामूली, जबकि एक बंदी के ज्यादा चोटें आई हैं।
जेल प्रशासन ने घायल बंदी को पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर भिजवाया। रात करीब सवा 11 बजे सुरक्षाकर्मियों के साथ बंदी रामस्वरूप को ट्रोमा सेंटर लाया गया। उसके शरीर पर दो जगह नुकीले हथियार से चोट के निशान हैं। कंधे और पेट में घाव हुआ है। बंदियों के झगड़े से वहां खड़े सुरक्षाकर्मी सकपका गए। बड़ी मुश्किल से बीच-बचाव कर उन्हें छुड़ाया और अलग-अलग बैरकों में बंद किया। उच्चाधिकारियों को झगड़े की सूचना दी।
घायल बंदी को नुकीले हथियार से घाव की बात कही जा रही है। सवाल यह है कि आखिर ऐसा हथियार आया कहां से। गौरतलब है कि बीकानेर केन्द्रीय कारागार में 24 जुलाई्, 2014 को कुख्यात अपराधी आनंदपाल व दूसरे गुट के बंदियों के गैंगवार ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था। इसमें आनंदपाल के साथी बलवीर बानूडा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। वहीं आनंदपाल के गुट के बंदियों ने दो बंदियों की ईंट व पत्थरों से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इसके अलावा जेल में एक मानसिक रोगी बंदी ने दो जनों को मौत के घाट उतार दिया। जर्दा व बीड़ी के एक बंदी ने सुरक्षाकर्मी पर ब्लेड से हमला कर दिया। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें बीकानेर जेल की सुरक्षा की पोल खुली है।
बंदियों के दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे। घायल बंदी को पीबीएम अस्पताल भिजवाया है। बंदियों के दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने का प्रार्थना-पत्र दिया गया है, जिसे बीछवाल थाने भिजवा दिया है।
सूरज कुमार सोनी, उप कारापाल बीकानेर केन्द्रीय कारागार
Published on:
07 Mar 2025 09:34 am
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