
छठ पूजा - सूर्योदय के समय जल में खड़े होकर किया पूजन
बीकानेर. घर-परिवार की सुख-समृद्धि और संतान के उत्तरोतर विकास की कामना को लेकर चार दिवसीय छठ पूजा उत्सव सोमवार को संपन्न हुआ। व्रत-पूजन उत्सव के अंतिम दिन व्रती लोगों ने सूर्योदय के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व विभिन्न पारंपरिक पूजन सामग्री से पूजन किया।इस दौरान पवित्र जल सरोवर स्थलों पर बड़ी संख्या में व्रती लोगों के परिवारजन और समाज के लोग मौजूद रहे।
उगते सूर्य के पूजन के बाद 36 घंटे से निर्जल रहकर हुए व्रत का पारणा किया गया। व्रती लोगों ने पारंपरिक रुप से प्रसाद का वितरण किया। बिहारी निवासी परिवारों ने अपनी परंपरा अनुसार छठ पूजा उत्सव पारंपरिक रस्मों, पूजन पद्धति, आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया।छठ पूजन उत्सव के अंतिम दिन सुबह से ही पवित्र सरोवर स्थलों पर लोगों के पहुंचने का क्रम शुरु हो गया।
छठ मईया कमेटी गोपेश्वर बस्ती के अध्यक्ष अमित ठाकुर के अनुसार गोपेश्वर बस्ती क्षेत्र में भादाणी बगीची के सामने जल से भरे बड़े पात्रों में व्रती महिलाओं ने भगवान सूर्य का पूजन पारंपरिक रुप से किया। इसके बाद व्रत का पारणा किया। वहीं देवीकुण्ड सागर, धरणीधर तालाब सहित विभिन्न स्थानों पर उगते सूर्य का पूजन कर व्रती लोगों ने छठ पूजन व्रत का पारणा कर व्रत-पूजन की पूर्णाहुति की। छठ पूजा उत्सव की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय खाय पर्व के साथ हुई थी। 18 नवंबर को खरना पर्व, 19 नवंबर को अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन किया गया।
डाॅ.तैस्सितोरी पर कार्यक्रम 22 को
बीकानेर. सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में इटली मूल के राजस्थानी भाषा के शोधार्थी डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी की 104वीं पुण्यतिथि का आयोजन 22 नवंबर को किया जाएगा। कार्यक्रम संयोजक राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि यह आयोजन दोपहर 12:15 बजे म्यूजियम परिसर में स्थित तैस्सितोरी के प्रतिमा स्थल पर होगा।
Published on:
20 Nov 2023 11:11 pm
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