
यकीन रखें, ईमानदारी से की गई मेहनत के बाद भी आप सफल नहीं हुए तो ईश्वर ने आपके लिए कुछ उससे भी बेहतर सोचा हुआ है : नमित मेहता
-हरेन्द्रसिंह बगवाड़ा
बीकानेर. जिला कलक्टर नमित मेहता। भारतीय प्रशासनिक सेवा के तेज तर्रार अधिकारी हैं। पिछले 16 माह से वे बीकानेर की जनता के बीच हैं। बेहतर कोविड मैनेजमेंट के लिए खुद प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान उनकी तारीफ की। चार्टड अकाउंटेंट से सिविल सर्विसेज में आए मेहता जनता के बीच रह कर काम करना चाहते थे।
नौकरी के चलते खाड़ी के देश कतर जा पहुंचे। लेकिन ईमानदारी से की गई मेहनत के बल पर वे आज जिला कलक्टर
की हैसियत से बीकानेर की जनता के लिए काम कर रहेे हैं। पेश हैं पत्रिका से उनकी बातचीत के कुछ अंश।
Q. बीकानेर कलक्टर के रूप में आपको एक साल चार माह का समय होने जा रहा है। कैसा अनुभव रहा?
देखिए, कोविड के दौरान मेरी ज्वाइनिंग यहां हुई थी, करीब आठ-नौ महीने तो कोविड़ मैनेजमेंट में निकल गए। यह बहुत चुनौतिपूर्ण समय था लेकिन सभी लोगों के सहयोग से, खासतौर पर डाक्टर्स, पुलिस,बीकानेर के समाजसेवी तथा साथी अधिकारियों ने मिलजुल कर इस विपदा से निकल सके।
Q. बीकानेर में पुराने नेताओं जैसे मानिक चन्द सुराणा, देवीसिंह भाटी, गोपाल जोशी, किसनाराम नाई सरीके नेताओं का स्थान नए और अपेक्षाकृत कमजोर नेताओं ने ले लिया है।
जिससे ब्यूरोक्रेसी बेलगाम हो गई है। जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आप क्या मानते है?
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। आज बीडी कल्ला, भंवरसिंह भाटी जैसे प्रभावशाली नेता हैं, गोविन्द डोटासरा जो पीसीसी अध्यक्ष की हैसियत से प्रदेश के कद्दावर नेता है, वे बीकानेर के प्रभारी मंत्री है। अर्जुनराम मेघवाल केन्द्र सरकार में मंत्री हैं। बीकानेर में इन सब नेताओं की भावना से काम होते हैं।
Q. बीकानेर में कुछ समस्याएं बहुत पुरानी है। कई कलक्टर आए और चले गए। बरसों से लोग परेशान हैं, रेलवे फाटक, आवारा पशु और सूर सागर जैसी समस्याओं का अन्त कभी हो सकेगा?
कुछ समस्याएं ऐसी होती है जिनका हल रातोरात नहीं हो सकता। अब देखिए रेलवे फाटकों की समस्याओं को लेकर जनता ही आपस में बंटी हुई है। कुछ लोग एलिवेटेड रोड बनाना चाहते तो कुछ का मानना है कि रेलवे बाई पास बने। कोर्ट कचहरी भी हो रही है। ऐसे में वक्त तो लगता है। बहरहाल सांखला फाटक और कोटगेट रेलवे फाटक के एरियल सर्वे के लिए हमने रेलवे हो स्वीकृति जारी की है। जबकि रानी बाजार फाटक पर अंडरपास का काम जल्द शुरू होगा।
सूरसागर अब कोई समस्या नहीं है। इस बार हमने बारिश का गन्दा पानी इसमें बिल्कुल नहीं आने दिया। अब तो इसमें पानी भी भरा जा रहा है। हां, आवारा जानवरों की समस्या काफी हद तक बरकरार है। टॉय ट्रेन ठीक करवा दी गई है। नया बायोलोजिकल पार्क भी जल्द खोलने जा रहे हैं। आरएसआरडीसी को इस पर काम कर रहा है। कुछ एनक्लोजर्स तो तैयार भी हो गए हैं। शहर के एन्ट्री पॉइन्ट्स को सुधारे जा रहे हैं। इसके लिए बजट घोषणा हो चुकी है। बीकानेर में नाइट टूरिज्म विकसित किया जा रहा है।
Q. प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान चल रहा है। जबकि हालत यह है कि शहरों में जोनल प्लान ही तैयार नहीं हुए। जबकि गांवों में स्टाफ हड़ताल पर है। कैसे ये अभियान सफल होंगे।
इन अभियानों पर सरकार का पूरा फोकस है। जोनल प्लान की समस्या अकेले बीकानेर की न होकर ज्यादातर शहरों की है। इस बारे में समय-समय पर कोर्ट से भी दिशा निर्देश मिलते रहते हैं। जिन पर हम काम कर रहे है। बीकानेर में तीन जोनल प्लान का काम इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगाए जबकि दो जोनल प्लान तैयार हैं। गांवों में कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है।
Q. सरकारी काम काज के ढीलेढाले रवैये में कोई तब्दीली नहीं आई है। आज भी पेन्डेंसी बहुत है।
नहीं, पेन्डेंसी अब न के बराबर है। कृषि प्रसंस्करण योजना में हम टॉप पर हैं। डीएमएफटी के काम भी तेजी से हो रहे हैं। सोलर का बीकानेर में अब बड़ा काम हो गया है। बड़ा इंवस्टमेंट आ रहा है। इनका भी कोई काम बाकी नहीं है। जिले में भारतमाला का 155 किलोमीटर का क्षेत्र है, भूमि अधिग्रहित कर एनएचआइ को सौंपी जा चुकी है। इतना ही नहीं ऑनलाइन होने वाले काम भी त्वरित गति से हो रहे हैं।
Q. आप क्या सोचते हैं, बीकानेर की जनता आपको कैसे याद रखेगी?
एक संवेदनशील एवं जनता से जुड़े अधिकारी के रूप में। ऑफिस छोडऩे से पहले मैं यह बात सुनिश्चत कर लेता हूं कि मुझसे मिलने वाला कोई भी व्यक्ति मुझे बिना मिले न चला जाए। कोशिश रहती है कि उसका काम हो।
Q. घर में मस्ती कैसे करते हैं,परिवार में कौन-कौन हैं?
घूमने-फिरने में रुचि रखता हूं। ड्राइविंग में भी रुचि है। जीप और बाइक दौड़ाता हूं। वक्त मिलने पर घर में बने जिम में कसरत करता हूं। जहां तक परिवार का सवाल है। माता पिता, भाई वगैरह जोधपुर में रहते हैं। जबकि मेरे साथ पत्नी विनीता, पुत्र रुद्रवीर और चार साल की बेटी अधिश्री रहते हैं।
Q. भारतीय प्रशासनिक सेवा जैसी परीक्षा में आप 13वें स्थान पर रहे। हरेक युवा का सपना है कि वो आप जैसी सफलता हासिल करे। रोजगार की जद्दोजहद में उलझे युवाओं को आप क्या संदेश देना चाहते है?
यह हरेक के विवेक पर निर्भर करता है कि वह नौकरी करे या अपना स्वयं का व्यवसाय करे। मैं अपने अनुभव से यह बात कह सकता हूं कि ईमानदारी से आप मेहनत करें और उसमें यदि सफलता हाथ नहीं लगे तो निराश नहीं होना चाहिए। यकीन मानिए ईश्वर ने आपके लिए उससे भी बढ़ कर सोचा है। शुरुआती दौर में मैं सार्वजनिक जीवन में जाना चाहता था। इसीलिए जोधपुर विवि में पढ़ाई के दौरान में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुआ। उस समय वहां 25 हजार वोटर थे। अगले साल मैं अध्यक्ष बनना चाहता था। खूब मेहनत की लेकिन लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें लागू होने से चुनाव ही नहीं हुए। खैर मैने चार्टेड अकाउंटेन्ट की पढ़ाई पूरी कर एक मल्टीनेशनल कम्पनी ज्वाइन कर दोहा चला गया। वहां मन नहीं लगा तो वापस आकर पिताजी का व्यापार संभालने लगा। चूंकि जनता के बीच रह कर काम करने का मन था, व्यापार छोड़ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गया। पहले प्रयास में भारतीय राजस्व सेवा में चयन हो गया। दूसरे प्रयास में मैने भारतीय प्रशासनिक सेवा में 13वीं रैंक हासिल की। कहने का तात्पर्य यह है कि आप जो करे पूरे मनोयोग और ईमानदारी से करें। सफलता निश्चित है।
Published on:
11 Oct 2021 06:07 pm
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