साधारण सभा को लेकर हालांकि एजेण्डे में तीन बिन्दुओं को रखा गया है, लेकिन पक्ष-विपक्ष के पार्षद साल के अंत में होने वाले निगम चुनावों को लेकर जनसमस्याओं से जुडे़ मुद्दे सदन में उठाने और उनके समाधान की मांग कर सकते हैं। इस बात के संकेत पार्षदों ने दिए हैं। पार्षदों ने बताया कि सड़कों पर गड्ढे, जाम नाले-नालियां व सीवरेज, बंद पड़ी लाइटें, लाखों की मशीनों का उपयोग नहीं होना आदि मुद्दों को सदन में रखा जाएगा। भाजपा के कुछ पार्षद जहां जनसमस्याओं को सदन में रखने की बात कह रहे हैं, वहीं निर्दलीय पार्षद भी आमजन की समस्याओं पर चर्चा करवाने का मुद्दा उठा सकते हैं।
इन बिन्दुओं पर होगा विचार
-आरक्षित दर में संशोधन करना। -जिन सम्पत्तियों की तीन वर्ष से अधिक नगरीय विकास कर राशि बकाया है, उनकी बकाया राशि वसूल करने के लिए सम्पत्तियों को सील-कुर्क करने पर चर्चा।
-जयपुर रोड स्थित पचास से अधिक कॉलोनियों को नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने पर विचार-विमर्श।
-आरक्षित दर में संशोधन करना। -जिन सम्पत्तियों की तीन वर्ष से अधिक नगरीय विकास कर राशि बकाया है, उनकी बकाया राशि वसूल करने के लिए सम्पत्तियों को सील-कुर्क करने पर चर्चा।
-जयपुर रोड स्थित पचास से अधिक कॉलोनियों को नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने पर विचार-विमर्श।
कांग्रेस मांगेगी पांच साल का हिसाब साधारण सभा के दौरान विपक्ष महापौर से पांच साल में किए कार्यों का हिसाब मांगेगा। नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार ने बताया कि बैठक के एजेण्डों की तैयारी ही पूरी नहीं है। पडि़हार ने बताया कि बिना तैयारी के अगर एजेण्डे पर चर्चा शुरू की गई तो महापौर का घेराव किया जाएगा। पडि़हार के अनुसार बुधवार को प्रस्तावित बैठक में बोर्ड की गत बैठकों में लिए गए निर्णयों की पालना नहीं होने और भाजपा बोर्ड की ओर से गत पांच सालों में किए गए वादों के मुताबिक कार्य नहीं होने को लेकर महापौर से हिसाब मांगा जाएगा।