17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ई रिक्शा से गली-मोहल्लों में पहुंचा रहे फल-सब्जी

संकट के साथी लोगों को न हो परेशानी रोज छह घंटे करते है फल-सब्जी का वितरण

2 min read
Google source verification
ई रिक्शा से गली-मोहल्लों में पहुंचा रहे फल-सब्जी

ई रिक्शा से गली-मोहल्लों में पहुंचा रहे फल-सब्जी

बीकानेर. संकट से न घबराना और और अपने को खतरे में डालकर दूसरों की सहायता करना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है। लेकिन कुछ लोग है जो कोरोना महामारी के बाद भी अपने जीवन को दांव पर लगाकर लोगों की सेवा सहायता में जुटे हुए है। इनमें है बेणीसर कुआ क्षेत्र निवासी लक्ष्मण माली। कोरोना संक्रमण के कारण जब लोग अपने घरों में है और बाहर निकलने से डर रहे है, ऐसी परिस्थिति में लक्ष्मण रोज अपने ई रिक्शा के माध्यम से घर-घर और गली-मोहल्लों में पहुंचकर ताजा फल और सब्जियां उन तक पहुंचा रहे है। बाजार दर से भी कम दर पर लक्ष्मण लोगों को फल और सब्जियां उपलब्ध करवा रहे है। लक्ष्मण सुबह पहले मंडी से ताजा फल और सब्जियां खरीदने फिर घर आकर इनको अपने ई रिक्शा में सजाकर घर-घर और गली-मोहल्लों में बेचने के लिए निकल पड़ता है।


संकट में सहयोग जरुरी

लक्ष्मण के अनुसार आज कोरोना महामारी के दौर में लोगों को उससे काफी उ मीदें है। उनके घर तक फल और सब्जियां पहुंचाना उसका दायित्व है। सामान्य दिनों में लोग उसके ठेले से फल और सब्जियां खरीदते है। इससे उसका परिवार चलता है। आज लोग घरों में है, उनको मेरी जरुरत है। ऐसी स्थिति में उनका सहयोग करना मेरा धर्म है। हर परिस्थिति में उनके साथ हूं। गौरतलब है कि गत वर्ष लॉक डाउन के दौरान भी लक्ष्मण माली क्षेत्र के लोगों के लिए संकट के साथी के रूप में फल और सब्जियां उपलब्ध करवाते रहे थे। इसके लिए उनको कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ा था।


डेढ़ क्विंटल फल और सब्जियों की बिक्री

ई रिक्शा के माध्यम से लक्ष्मण रोज छह घंटे फल और सब्जियां घर-घर पहुंचाता है। लक्ष्मण के अनुसार करीब डेढ़ क्विंटल फल और सब्जियों की बिक्री रोज होती है। इस बिक्री से इतना मिल जाता है कि उसके परिवार का भरण पोषण हो सके। फल और सब्जी पहुंचाने के दौरान लक्ष्मण लोगों से कोरोना महामारी से बचाव करने, मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंस की पालना करने और कोविड गाइड लाइन की पालना का भी संदेश देता है। क्षेत्र के लोगों को रोज लक्ष्मण के गली-मोहल्लें में आने का इंतजार बना रहता है और लोग फल सब्जियां खरीदते है।